श्रावस्त , शावस्त n. (सू. इ.) एक सुविख्यात इक्ष्वाकुवंशीय राजा, जो भागवत, विष्णु, वायु एवं मत्स्य के अनुसार इंदु राजा का पौत्र, एवं युवनाश्र्व (द्वितीय) राजा का पुत्र था । महाभारत में इसे युवनाश्र्व (द्वितीय) राजा का पौत्र, एवं श्राव राजा का पुत्र कहा गया है, एवं इस प्रकार श्रावस्त इसका पैतृक नाम बताया गया है । इसने श्रावस्ति (श्रावस्त) नगरी की स्थापना की, एवं अपने उत्तर कोशल देश की राजधानी वहाँ बसायी
[ह. वं. १११.२२ ब्रह्मांड. ३.६३.२८] ;
[वायु. ८८.२००] । इसके पुत्र का नाम बृहदश्र्व (ब्रह्मदश्र्व) था
[म. व. १९३.४] । इसके अन्य पुत्र का नाम वंशक अथवा वत्सक था । इसका राज्यकाल राम दशरथि के पूर्वकाल में पचास पीढियाँ माना जाता है । राम दशरथि के कनिष्ठपुत्र लव ने उत्तर कोसल देश की राजधानी अयोध्या नगरी से हटा कर, वह पुनः एक बार श्रावस्ति नगरी में बसायी। इस कारण अयोध्या नगरी उजड़ गयी, जो आगे चल कर लव के ज्येष्ठ बन्धु कुश ने पुनः एक बार बसायी
[रघु. १६.१७] ।