Dictionaries | References

माली सठयो फुललेशे, कांइ चोटलि तो नहीं लेशे

   
Script: Devanagari

माली सठयो फुललेशे, कांइ चोटलि तो नहीं लेशे

   माळीण रुसली तर फुलें नेईल, वेणी तर नेत नाहीं. ( आपलें भाग्य कोणी नेऊं शकत नाहीं.) रुसली गौर तर घेईल सौभाग्य, कांहीं कपाळ तर नेत नाहीं.

Related Words

माली सठयो फुललेशे, कांइ चोटलि तो नहीं लेशे   माली   कांइ   माली गणराज्य   mali   नहीं   सुबुं खुंथायारि माली   तो   माले   जी नहीं   नसणे   कभी नहीं   नहीं होना   बुंदसे गई वो हौदसे आती नहीं   केसालाही धक्का न लागू देणे   बगैँचे   बनी तो भाई, नहीं तो दुशमनाई   कभी भी नहीं   कसर नहीं छोड़ना   उठा नहीं रखना   कुछ उठा नहीं रखना   बाल बाँका नहीं करना   एक भी नहीं   gardener   धोबीसे जीत नहीं, तो गद्धको क्यौं मारना   हौदसे गयी, तो बुंदसे आती नहीं   रंडी रही तो आपसे, नहीं तो सगे बापसे   ഇല്ലാതാവുക   ಇಲ್ಲದಿರುವ   जो तो   तो मेरेन   french sudan   republic of mali   मन मिलेसो मेला, चित्त मिलेसो चेला, नहीं तो अकेला भला   మాలీ   ମାଲେ   विचारी तो विचारी, धपकावी तो लष्करी   विचारी तो विचारी, धपका लावी तो लष्करी   उदार तो श्रीमंत, कृपण तो दरिद्री   उडाला तो कावळा आणि बुडाला तो बेडूक   चढेल तो पडेल, पोहेल तो बुडेल   ne'er   never   उगवेल तो मावळेल   उडतो तो बुडतो   उट्टा तो बुटा   राबेल तो चाबेल   मनास मानेल तो सौदा   बलिष्ठ तो वरिष्ठ   नामदार तो नम्र फार   विलो तो भिलो हा?   राखील तो चाखील   मित्र पैकेकरी, तो निधानापरी   गायी वळी तो गोवारी   पट्टा तो वाट्टा   वेळेस चुकला तो मुकला   मनाचा पातकीः तो आत्मघातकी   हगे तो तगे   उतावळा तो बावरा   उतावळा तो बावळा   बळी तो कान पिळी   गरजवंत तो दरदवंत   भिक्षापाति तो लक्षापति   फिरे तो चरे   फिरेल तो चरेल   काडीचोर तो पाडीचोर   उठी तो कुटी   भडभडया तो कपटीद नसतो   भुकी तो सदा सुखी   सोय जाणेल तो सोयरा   चढेल तो पडेल   आगसतो तो मागसतो   आगसला तो मागसला   मन मानेल तो सौदा   खाईल तो गाईल   अऋणी अप्रवासी तो सुखी   अॠणा अप्रवासी तो सुखी   बनिया देते नहीं, पुरा तोल   माळी   மாலி   മാലി   مالی   માલી   नहीं रहना   नहीं नहीं म्हणस, संत्रजी पसरस   ज्‍याचे मनगटांत जोर, तो बळी   ज्याच्या मनगटास जोर तो बळी   वासनेचा खोटा, पाण्याचा तो गोटा   गर्जेल तो पडेल (वर्षेल) काय, बोलेल तो करील काय   भक्त तो शिरोमणी। धन्य तो संसारीं। नित्य अवधारी। गुरुवचनें॥   जितो मेराभाई तो गल्‍लीगल्‍लीमें भोजाई   ज्‍याची तरवार खंबीर, तो हंबीर   बहु घेतो तो वेडा नसतो   पांचीं गुण तो पन्नाशीं गुण   खायगा बंग, तो उठायेगा तंग   खायगा बेटा, तो उठावेगा लोटा!   काम करील तो पोट भरील   अल्प भुकी तो सदा सुखी   पोहरा देईल तो विहिर दाखवील   बोलेल तो करील काय, गर्जेल तो पडेल काय   
Folder  Page  Word/Phrase  Person

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP