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तितिक्षुवंश n. पूर्व भारत में ख्यतिप्राप्त तितिक्षुवंश, तितिक्षु से ही प्रारंभ हुआ । यह वंश, अनुवंश की ही स्वतंत्र शाखा थी । तितिक्षुवंश में पैदा हुवे, बलि ने पूर्व भारत में बलाढ्य साम्राज्य स्थापन किया । बलि को अंग, वंग, कलिंग, सुह्य, पुंड्र नामक पॉंच पुत्र थे । बलि के साम्राज्य के पॉंच देश, इन पॉंच पुत्रों के नाम से ही सुविख्यात हुवे । अयोध्यापति दशरथ का समकालीन रोमपाद राजा अंगवंश का था । भारतीय युद्ध में, कर्ण तथा वृषसेन ये दोनों तितिक्षुवंशांतर्गत अंगवंश के थे । तितिक्षु का भाई सम्राट् उशीनर का वंश, पश्चिमोत्तर भारत में केकय, मद्र आदि प्रदेशों में राज्य करता था (अनु.उशीनर, तथा बलि देखिये) ।
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