काशि , काश्य n. इन लोगों का वैदिक वाङ्मय में पर्याप्त उल्लेख आता है । काशी राजा के लिये इस शब्द का उपयोग किया गया होगा । शतानीक सात्रजित के द्वारा काशी राजा धृतराष्ट्र का पराभव हुआ । तब पुनः ब्राह्मणों के हाथों में सत्ता आने की अवधि तक के लिये, काश्य लोगों ने यज्ञ करना बंद कर दिया
[श. ब्रा.१३.५.४.१९] । दूसरा अजातरिपु भी काशी का राजा था । भद्रसेन भी काशी का राजा था । काशीविदेह सामसिक नाम भी प्राप्य है । काशी, कोसल एवं विदेह एक ही पुरोहित था
[सां.श्रौ.१६.२९.५] । काशी तथा विदेह एक दूसरे के बिल्कुल समीप थे
[बौ. श्रौ.२१.१३] । काशीकौशल्य निर्देश भी पाया जाता है
[गो. ब्रा.१.९] ।
काशि , काश्य II. n. वारुणि कवि के आठ पुत्रों में से सातवॉं (कवि देखिये)
काशि , काश्य III. n. (सो. क्षत्र.) भागवत मत में काश्यपुत्र । वायु तथा विष्णु के मत में काश्य पुत्र । वायु में इसे काश्य कहा है । विष्णु में इसे काशिराज कहा है (काश्य देखिये) ।