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बोध्य
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बोध्यगीता
गीता म्हणजे प्राचीन ऋषी मुनींनी रचलेली विश्व कल्याणकारी मार्गदर्शक तत्त्वे.
Gita has the essence of Hinduism, Hindu philosophy and a guide to peaceful life and ever lasting world peace.
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सुबोध
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अक्लिष्ट
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বোধ্য
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ବୋଧ୍ୟ
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બોધ્ય
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ਬੋਧਮਈ
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बुजिनो गोरलै
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புரிந்துகொள்ளகூடிய
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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ಗ್ರಹಿಸಬಲ್ಲ
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graspable
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intelligible
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understandable
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perceivable
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apprehensible
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سہل
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বোধগম্য
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
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സുഗ്രാഹ്യമായ
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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సరళమైన
Meanings: 4; in Dictionaries: 1
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बोद्ध्य
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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बोधगम्य
Meanings: 6; in Dictionaries: 6
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cognise
Meanings: 4; in Dictionaries: 2
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सोंपें
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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सजिलो
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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बोध्यगीता
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परिणामालंकारः - लक्षण ४
रसगंगाधर ग्रंथाचे लेखक पंडितराज जगन्नाथ होत. व्याकरण हा भाषेचा पाया आहे.
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बौध्य
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
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परिकर अलंकारः - लक्षण ४
रसगंगाधर ग्रंथाचे लेखक पंडितराज जगन्नाथ होत. व्याकरण हा भाषेचा पाया आहे.
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सुगम
Meanings: 20; in Dictionaries: 10
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रूपकालंकारः - लक्षण २१
रसगंगाधर ग्रंथाचे लेखक पंडितराज जगन्नाथ होत. व्याकरण हा भाषेचा पाया आहे.
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आसान
Meanings: 7; in Dictionaries: 4
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रसगंगाधरः - विषादन अलंकार:
रसगंगाधर ग्रंथाचे लेखक पंडितराज जगन्नाथ होत. व्याकरण हा भाषेचा पाया आहे.
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कार्तिकमास: - विष्णुशिवपूजनविधि:
सर्व जगतात हिंदू धर्माची व्याख्या होते ती, धर्मातील उपासना आणि उत्सवप्रियतेमुळे, आणि यांना जोड असते व्रत-वैकल्याची आणि धार्मिक पूजेची.
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विषमालंकाराः - लक्षण १
रसगंगाधर ग्रंथाचे लेखक पंडितराज जगन्नाथ होत. व्याकरण हा भाषेचा पाया आहे.
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भावार्थ
Meanings: 16; in Dictionaries: 8
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सरल
Meanings: 52; in Dictionaries: 10
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मज्जवहस्त्रोतस - आक्षेपक
धर्म, अर्थ, काम आणि मोक्ष या चतुर्विध पुरूषार्थांच्या प्राप्तीकरितां आरोग्य हे अत्यंत आवश्यक असते.
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लावणी ८७ वी - सख्याचीं पत्रं सायंकाळीं ...
लावणी म्हणजे गीत, नृत्य आणि अदाकारी यांचा त्रिवेणी संगम. लावणी शृंगाराची खाण आणि महाराष्ट्राची शान आहे.
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उपमालंकारः - लक्षण ९
रसगंगाधर ग्रंथाचे लेखक पंडितराज जगन्नाथ होत. व्याकरण हा भाषेचा पाया आहे.
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उपमालंकारः - लक्षण १८
रसगंगाधर ग्रंथाचे लेखक पंडितराज जगन्नाथ होत. व्याकरण हा भाषेचा पाया आहे.
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श्रीविष्णुपुराण - तृतीय अंश - अध्याय ४
भारतीय जीवन-धारा में पुराणों का महत्वपूर्ण स्थान है, पुराण भक्ति ग्रंथों के रूप में बहुत महत्वपूर्ण माने जाते हैं। जो मनुष्य भक्ति और आदर के साथ विष्णु पुराण को पढते और सुनते है,वे दोनों यहां मनोवांछित भोग भोगकर विष्णुलोक में जाते है।
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विश्वजितखण्डः - अध्यायः २
गर्ग संहिता ही गर्ग मुनिंची रचना आहे. ह्या संहितेत श्रीकृष्ण आणि राधाच्या माधुर्य-भाव असलेल्या लीलांचे वर्णन आहे.
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लक्षणे - ४१ ते ४५
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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पंचमान - मान १
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
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विश्वजितखण्डः - अध्यायः ४९
गर्ग संहिता ही गर्ग मुनिंची रचना आहे. ह्या संहितेत श्रीकृष्ण आणि राधाच्या माधुर्य-भाव असलेल्या लीलांचे वर्णन आहे.
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ज्ञानपर - अभंग ६५६ ते ६६५
श्रीज्ञानेश्वर महाराजांची गाथा म्हणजे विठ्ठल प्राप्तीचा एक सोपा मार्ग. यात विठ्ठ्लाच्या सगुणनिर्गुण रूपाचे मोहक वर्णन केलेले आहे.
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सरळ
Meanings: 39; in Dictionaries: 6
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श्रीवामनपुराण - अध्याय ८६
श्रीवामनपुराणकी कथायें नारदजीने व्यासको, व्यासने अपने शिष्य लोमहर्षण सूतको और सूतजीने नैमिषारण्यमें शौनक आदि मुनियोंको सुनायी थी ।
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः २१४
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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