लीला गान - मारे मति मैय्या वचन भ...

’लीलागान’में भगवल्लीकी मनोमोहिनी मनको लुभाती है ।


मारे मति मैय्या वचन भरवाय ले ।

वचन भरवाय ले सौगन्ध कढवाय ले ॥टेर॥

गंगाकी खवाय ले चाहे जमुनाकी खवाय ले ।

क्षीर सागरमें मैय्या ठाड़ो करवाय ले ॥१॥

गैय्यनकी खवाय ले चाहे बछड़नकी खवाय ले ।

नन्दबाबाके आगे ठाड़ो करवाय ले ॥२॥

गोपियनकी खवाय ले चाहे ग्वालनकी खवाय ले ।

दाऊ भैयाके माथे हाथ धरवाय ले ॥३॥

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Last Updated : January 22, 2014

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