हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|भजनामृत|लीला गान| आछो दधि दूँगी रे साँव... लीला गान झूले आप झुलावे मोहन , ... जो रस बरस रह्यो बरसान... आज अयोध्या की गलियोंमे... श्रीकृष्ण बुलावे , झूलण ... आज ठाढ़ो री बिहारी यमु... मैया मोरी मैं नहिं मा... देखो री एक बाला जोगी ... आज हरि आये विदुर -घर ... नाचे नन्दलाल , नचावे हर... यो धनुष बड़ो विकराल , र... होरी खेलन आयो श्याम , ... होरी खेलत है गिरधारी ... आछो दधि दूँगी रे साँव... ग्वालिन मत पकड़े मोरी ... गिरिधरकी वंशी प्यारी ज... तेरे लालाने ब्रज -रज ख... मारे मति मैय्या वचन भ... झीनी -झीनी प्रेमकी डोरी... मोहन मोहन जील निस दिन... लीला गान - आछो दधि दूँगी रे साँव... ’लीलागान’में भगवल्लीकी मनोमोहिनी मनको लुभाती है । Tags : bhajankirtanकीर्तनभजनलीला गानहिंदी लीला गान Translation - भाषांतर आछो दधि दूँगी रे साँवरिया थोड़ी मुरली बजाय, दधि दूँगी ॥ ऐसी बजाय जैसी जमुना ऊपर बाजी रे, बहतो नीर तुरंग थम जाय ॥ ऐसी सुनाय जैसी माधोवनमें बाजी रे, चरती धेनु मगन हो जाय ॥ ऐसी बजाय जैसी वृन्दावनमें बाजी रे, संगकी सहेली मगन हो जाय ॥ ‘चन्द्रसखी’ भज बालकृष्ण छबि, हरिके चरणमें चित्त लगाय ॥ N/A References : N/A Last Updated : January 22, 2014 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP