हिंदी सूची|व्रत|मासिक व्रत परिचय|आश्विनके व्रत|आश्विन शुक्लपक्ष व्रत| महानवमी आश्विन शुक्लपक्ष व्रत अशोकव्रत नवरात्रव्रत शान्तिपञ्चमी उपाङ्गललिताव्रत सरस्वतीशयनसप्तमी महाष्टमी महानवमी रथनवमी शौर्यव्रत नवरात्रसमाप्ति विजयादशमी अपराजिता पूजा शुक्लैकादशी पुत्रप्राप्तिव्रत पद्मनाभव्रत कोजागरव्रत शरत्पूर्णिमा आश्विन शुक्लपक्ष व्रत - महानवमी व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है । Tags : ashwinfestivalvratआश्विनमहिनाव्रतसण महानवमी Translation - भाषांतर महानवमी ( हेमाद्रि, देवीभागवत ) - आश्विन शुक्ल नवमीको प्रातःस्त्रानादि नित्यकर्म शीघ्र समाप्त करके ' उपोष्य नवमीं त्वद्य यामेष्वष्टसु चण्डिके । तेन प्रीता भव त्वं भोः संसारात् त्राहि मां सदा ॥' इस मन्त्रसे व्रत करनेकी भावना भगवतीके सम्मुख निवेदन करे । इसके बाद देवीपूजाके स्थानको ध्वजा, पताका, पुष्पमाला और बंदनवार आदिसे सुशोभित करके भगवतीका पञ्चदश, षोडश, षट्त्रींश या राजोपचारादिमेंसे जो उपलब्ध हो घृतपूर्ण बत्ती या कपूर जलाकर नीराजन करे । इस दिन धराधीशोंको चाहिये कि वे नवीन अश्वोंका पूजन करें । पूजाविधान आगे ( दशमीके शस्त्रपूजनमें ) दिया गया है । इस दिन पूर्व - विद्धा नवमी ली जाती है । यदि इसमें मूल, पूर्वा और उत्तराका ( त्रैलोक्यदुर्लभ ) सहयोग हो तो यह नवमी बड़े महत्त्वकी मानी जाती है । इसमें अनेक प्रकारके उपहारद्रव्योंसे पूजा की जाय तो महाफल होता है । N/A References : N/A Last Updated : January 21, 2009 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP