हिंदी सूची|व्रत|मासिक व्रत परिचय|आश्विनके व्रत|आश्विन शुक्लपक्ष व्रत| शान्तिपञ्चमी आश्विन शुक्लपक्ष व्रत अशोकव्रत नवरात्रव्रत शान्तिपञ्चमी उपाङ्गललिताव्रत सरस्वतीशयनसप्तमी महाष्टमी महानवमी रथनवमी शौर्यव्रत नवरात्रसमाप्ति विजयादशमी अपराजिता पूजा शुक्लैकादशी पुत्रप्राप्तिव्रत पद्मनाभव्रत कोजागरव्रत शरत्पूर्णिमा आश्विन शुक्लपक्ष व्रत - शान्तिपञ्चमी व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है । Tags : ashwinfestivalvratआश्विनमहिनाव्रतसण शान्तिपञ्चमी Translation - भाषांतर शान्तिपञ्चमी ( हेमाद्रि ) - आश्विन शुक्ल पञ्चमीको प्रातःस्त्रानादिके पश्चात् वेदी या चौकीपर सफेद वस्त्र बिछाकर हरी और कोमल कुशके १२ नाग और एक इन्द्राणी बनाकर उसपर स्थापित करे । इन्द्राणीको जलसे और नागोंको घी, दूध और जल - तीनोंसे स्त्रान करावे । गन्ध - पुष्पादिसे पूजन करे और अनेक प्रकारके नागोंका ध्यान करके ' नागाः प्रीता भवन्तीह शान्तिमाप्रोति वै विभो । स शान्तिलोकमासाद्य मोदते शाश्वतीः समाः ॥' से प्रार्थना करके ' ॐ कुरु कुल्ल्यं हुं फट् स्वाहा ' के १२ हजार जप करे । इस प्रकार उक्त कुश - निर्मित बारह नागोंमें आश्विनमे अनन्त, कार्तिकमें वासुकि, मार्गशीर्षमें शड्ख, पौषमें पद्म, माघमें कम्बल, फाल्गुनमें कर्कोटक, चैत्रमें अश्वतर, वैशाखमें शंखपाल, ज्येष्ठमें कालिय, आषाढ़में तक्षक, श्रावणमें पिंगल और भाद्रपदमें महानागका पूजन करे । इससे सर्पादिका भय दूर हो जाता है, सब प्रकारकी शान्ति बढ़ती है और उक्त मन्त्रसे सर्पविष रुक जाता है । N/A References : N/A Last Updated : January 21, 2009 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP