आश्विन शुक्लपक्ष व्रत - उपाङ्गललिताव्रत

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


उपाङ्गललिताव्रत

( कृत्यरत्नावली ) -

यह आश्विन शुक्ल पञ्चमीको किया जाता है । इसमें रात्रिव्यापिनी तिथि ली जाती है । व्रतीको चाहिये कि उस दिन अपामार्ग ( ऊँगा ) के २१ दातुन लेकर ' आयुर्बलमिदम् ०' से एक - एक दातुन करके स्त्रान करे और सफेद वस्त्र पहनकर सुवर्णमयी उपाङ्गललिताका यथाप्राप्त उपचारोंसे पूजन करे । रात्रि में चन्द्रोदय व्रतकी महाराष्ट्र देशमें विशेष प्रसिद्धि है ।

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Last Updated : January 21, 2009

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