आश्विन शुक्लपक्ष व्रत - सरस्वतीशयनसप्तमी

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


सरस्वतीशयनसप्तमी

( वीरमित्रोदय ) -

आश्विन शुक्ल सप्तमीसे नवमीपर्यन्त सरस्वतीका शयनव्रत किया जाता है । एतत्रिमित्त पठन - पाठन एवं लिखना - लिखना बंद रखे और सप्तमी ( के मूल ) से दशमी ( के श्रवण ) पर्यन्त पुस्तकादिका पूजन करता रहे । पूजनमें भुजावाली, सर्वाभरणविभूषित, दो दायें हाथोंमें पुस्तक और रुद्राक्ष और दो बायें हाथोंमें वीणा और कमण्डलु धारण किये हुए समान रुपमें विराजी हुई हो - इस प्रकारका ध्यान करे ।

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Last Updated : January 21, 2009

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