सुप्रतीक n. (सो. सह.) एक राजा, जो दुर्जयामित्रकर्षण नामक राजा का उर्वशी से उत्पन्न पुत्र था । इसने एवं इसके भाइयों ने गंधर्व कन्याओं से विवाह किया था
[कूर्म. १.२६] ।
सुप्रतीक (औलुण्ड्य) n. एक आचार्य, जो बृहस्पतिगुप्त शायस्थि नामक आचार्य का शिष्य, एवं मित्रवर्चस् स्थैर्यकायण नामक आचार्य का गुरु था
[वं. ब्रा. १.] ।
सुप्रतीक II. n. (सू. इ. भविष्य.) एक राजा, जो भागवत के अनुसार प्रतीकाश्र्व राजा का, विष्णु के अनुसार प्रतीताश्र्व राजा का, एवं भविष्य के अनुसार भानुरत्न राजा का पुत्र था । इसकेपुत्र का नाम मरुदेव था
[भा. ९.१२.१२] । वायु एवं मत्स्य में इसे क्रमशः ‘सुप्रतीत’ एवं ‘सुप्रतीप’ कहा गया है ।
सुप्रतीक III. n. एक ऋषि, जो विभावसु नामक अपने भाई के शाप के कारण हाथी बन गया । पश्चात् इसने उसे कछुआ बनने का शाप दिया (विभावसु ५. देखिये) ।
सुप्रतीक IV. n. एक दिग्गज, जो ऐरावत के पुत्रों में से एक था
[म. भी. १३.३३] । यह हारितवर्णीय था, एवं वरुण का अत्यंत प्रिय वाहन था । इसके वंश में नागराज ऐरावत वामन, कुमुद, अंजन आदि हाथियों की उत्पत्ति हुई थी
[म. उ. ९५.१५] । इसकी पत्नी का नाम चित्ति था, जिससे इसे प्रहारिन्, संपति एवं पृथु नामक पुत्र उत्पन्न हुए
[वायु. ६९.२२५] ।
सुप्रतीक V. n. (नाग. भविष्य.) एक राजा, जो वायु के अनुसार मथुरा नगरी में राज्य करनेवाले भूमिनंद राजा का पुत्र था ।
सुप्रतीक VI. n. कृतयुग का एक राजा, जिसकी विद्युत्प्रभा एवं कांतिमती नामक दो पत्नियाँ थी । आत्रेय ऋषि की कृपा से इसकी पत्नी विद्युत्प्रभा के गर्भ में स्वयं इंद्र ने जन्म लिया, जो दुर्जय नाम से प्रसिद्ध हुआ ।