Dictionaries | References

मूर्खाशीं बोध करतां श्रम होय वाणी

   
Script: Devanagari

मूर्खाशीं बोध करतां श्रम होय वाणी

   मूर्खाला उपदेश करतां करतां तोंड दुखेल परंतु त्याच्यावर कांहींहि परिणाम होणार नाहीं.

Related Words

मूर्खाशीं बोध करतां श्रम होय वाणी   बोध   श्रम मंत्री   श्रम मंत्रालय   वाणी   श्रम विभाग   श्रम   करतां   श्रमसाधना   होय   श्रम मन्त्रालय   श्रम साधना   perception   खदारी वाणी   श्रममंत्रालय   असें करतां   श्रम मागून घेणें   अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन   काय होय?   पैसें उभे करतां येणें   गोड करतां भाषण, मूर्ख होय हर्षायमान   जैसे पिवे पाणी, वैसी होय वाणी   वेडा वाणी वेखंडाचा पसारा   ಸಂಖೇತಾರ್ಥ   ಶ್ರಮ ಸಾಧನೆ   वाचा   language   हातापायास दुःख (श्रम) तर पोटास सुख   धैर्य धरुन श्रम घेती, ते पर्वतादीक उलटती   ilo   international labor organization   international labour organization   व्यापार करतां सोळबारा शेतकरतां डोईवर भारा   पुण्य करतां होय पाप, दूध पाजून पोसला साप   आत्मबोध   मोघा करतां येईना तो रांजण करुं लागणें   ବାକ୍‌ଶକ୍ତି   ਵਾਣੀ   സംസാരശേഷി   વાણી   करतां नये काम, ठेवी हत्‍यारां दूषण   ओ कां ठो करतां न येणें   वाणी देईल काय प्राणी खाईल काय   वाणी मित्र नव्हे, मांजर जितरब नव्हे   वाणी जिरवी धन अन्, म्हैस जिरवी कण   व्यापार करितां सोळा बारा, शेती करतां डोईवर भारा   उदीम करतां सोळा बारां, शेत करतां डोईवर भारा   travail   कोरडे श्रम   श्रम करणे   श्रम करना   श्रम टाकणें   श्रम विभाजन   श्रम साध्य   ವಾಣಿ   द्रव्याशा धरिती, मूर्खाशीं लग्न लाविती   द्रव्यव्यय करतां येत नाहीं, त्याजवळ द्रव्य रहात नाहीं   करणी करतां न दिसे कुणा, मागुन दिसतो केंविलवाणा   वैश्य   आजचे अरिष्टा उपाय, उद्या केल्‍यानें न होय   इंद्रिय-बोध   इन्द्रिय-बोध   इन्द्रीय-बोध   वाणी-पत्र   अनाहद-वाणी   अर्थ बोध   दिव्य वाणी   चार वाणी   बोध करपी   बोध होना   मोडका वाणी   दृष्टि-बोध   આંતરરાષ્ટ્રીય શ્રમ સંગઠન   অন্তঃরাষ্ট্রীয় শ্রম সংগঠন   শ্রম মন্ত্রালয়   ଅନ୍ତର୍ରଷ୍ଟୀୟ ଶ୍ରମ ସଂଗଠନ   ଶ୍ରମ ମନ୍ତ୍ରଣାଳୟ   ਲੇਬਰ ਮੰਤਰਾਲਾ   શ્રમ મંત્રાલાય   कांद्याचे कोरड्यास, मानभावाची बायको व गाढवाचें जित्राप यांना श्रम व खर्च नाहीं   बोल   घे उदी नि होय सुदी   বাণী   सरले श्रम सुखाचे   अल्प धन थोर मन, नाश न होय स्वहित जाण   साठ वर्षें रामायण रामास सीता काय होय   speech   होय नव्हे   एका पुष्पाचा हार, न होय तें सार   जें होय सहजानें, तें न करी जुलुमानें   करणी करतां टीर कांपे   एक करतां बेक होणें   वीस करतां खिसमिस   व्यापार करतां सोळा बारा   मस्करी करतां कुस्करी होती   देव करतां खेव लागतें   देव देव करतां   पुण्य करतां जोडे पाप   खर्‍या मनुष्‍याची वाणी, दस्‍तऐवजासमान   वाणी गाईची, करणी कसाबाची   
Folder  Page  Word/Phrase  Person

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP