-
आरती विश्वेश्वराची - जय शंभो शशिशेखर विश्वेश्व...
आरती म्हणजे हिंदू उपासनेचा एक विधी.
Type: PAGE | Rank: 2.354964 | Lang: NA
-
विश्वेश्वर
Meanings: 11; in Dictionaries: 5
Type: WORD | Rank: 1.742061 | Lang: NA
-
विश्वनाथ
Meanings: 10; in Dictionaries: 7
Type: WORD | Rank: 1.194521 | Lang: NA
-
விஸ்வநாத்
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.660732 | Lang: NA
-
বিশ্বনাথ
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.660732 | Lang: NA
-
ବିଶ୍ୱନାଥ
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.660732 | Lang: NA
-
ਵਿਸ਼ਵਨਾਥ
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.660732 | Lang: NA
-
વિશ્વનાથ
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.660732 | Lang: NA
-
കാശി വിശ്വനാഥന്
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.660732 | Lang: NA
-
देवतीर्थस्वामिन्
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.06360251 | Lang: NA
-
पेट्टिभट्ट
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.06360251 | Lang: NA
-
मदनपारिजात
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.05300209 | Lang: NA
-
सुज्ञानदुर्गोदय
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.05300209 | Lang: NA
-
मदनपाल
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.04240167 | Lang: NA
-
द्यूतसमाह्वयप्रकरण
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.04240167 | Lang: NA
-
बारा ज्योतिलिंगें
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.02650104 | Lang: NA
-
शंकराची आरती - वृषवाहन वृंदारक वृंदकवर श...
देवीदेवतांची काव्यबद्ध स्तुती म्हणजेच आरती. The poem composed in praise of God is Aarti.
Type: PAGE | Rank: 0.02120084 | Lang: NA
-
भूपाळी बारा ज्योतिर्लिंगांची - उठोनीया प्रात:काळीं । शिव...
ऐतिहासिक पुराव्यांनुसार, समर्थ रामदासांनी रचलेल्या दासबोध या ग्रंथाचे लेखनिक कल्याणस्वामी होते.
Type: PAGE | Rank: 0.02120084 | Lang: NA
-
ग्रंथिका
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.01855073 | Lang: NA
-
मल्लिनाथ
Meanings: 6; in Dictionaries: 5
Type: WORD | Rank: 0.01855073 | Lang: NA
-
भूपाळी शंकराची - उठोनिया प्रात: काळीं । वद...
वेदान्तशास्त्र हे नुसते बुध्दिगम्य व वाक्चातुर्यदर्शक शास्त्र नसून प्रत्यक्ष अनुभवगम्य शास्त्र आहे हे या ग्रन्थातून स्पष्ट होते.
Type: PAGE | Rank: 0.01855073 | Lang: NA
-
श्रीशंभू महादेवाची आरती
श्रीमांगीशमहात्म्य
Type: PAGE | Rank: 0.01590063 | Lang: NA
-
अथान्त्येष्टिप्रयोगः - ग्रन्थप्रणेतुर्वंशानुवर्णनम्
‘कृत्य दिवाकरः’ या ग्रंथाद्वारे शास्त्रोक्त पूजा पाठ कसे करावेत याचे ज्ञान मिळते.
Type: PAGE | Rank: 0.01590063 | Lang: NA
-
श्रीकृष्णस्तोत्रम् - रक्ष रक्ष हरे मां च निमग्...
भगवान श्रीकृष्ण विष्णुचा आठवा अवतार आहे. श्रीकृष्णाचा अवतार पूर्ण अवतार समजतात. Lord Krishna is the eighth and the most popular incarnation of Lord Vishnu.
Type: PAGE | Rank: 0.01590063 | Lang: NA
-
ग्रंथि
Meanings: 6; in Dictionaries: 4
Type: WORD | Rank: 0.01325052 | Lang: NA
-
नारायणदर्शनम्
क्षेमेन्द्र संस्कृत भाषेतील प्रतिभासंपन्न ब्राह्मणकुलोत्पन्न काश्मीरी महाकवि होते.
Type: PAGE | Rank: 0.01325052 | Lang: NA
-
शंकराची आरती - जय जय जय मृड शंभो सतंत कु...
देवीदेवतांची काव्यबद्ध स्तुती म्हणजेच आरती. The poem composed in praise of God is Aarti.
Type: PAGE | Rank: 0.01325052 | Lang: NA
-
शंकराची आरती - अभिनव सुंदर गंगाकाशी पुरव...
देवीदेवतांची काव्यबद्ध स्तुती म्हणजेच आरती. The poem composed in praise of God is Aarti.
Type: PAGE | Rank: 0.01325052 | Lang: NA
-
शंकराची आरती - जय देव जय देव जयगिरिजारमण...
देवीदेवतांची काव्यबद्ध स्तुती म्हणजेच आरती. The poem composed in praise of God is Aarti.
Type: PAGE | Rank: 0.01325052 | Lang: NA
-
शंकराची आरती - शुक्रेश्वर सिद्धेश्वर शंभ...
देवीदेवतांची काव्यबद्ध स्तुती म्हणजेच आरती. The poem composed in praise of God is Aarti.
Type: PAGE | Rank: 0.01325052 | Lang: NA
-
श्रीदत्तात्रेय जय दत्तात्रेय - ॥ॐ ॥ श्री गुरूदेवाय नमः ।...
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. स्तोत्रे स्तुतीपर असल्याने, त्यांना कोणतेही वैदिक नियम नाहीत. स्तोत्रांचे पठण केल्याने इच्छित फल प्राप्त होते. In Hinduism, a Stotra is a hymn of praise, that praise aspects of Devi and Devtas. Stotras are invariably uttered aloud and consist of chanting verses conveying the glory and attributes of God.
Type: PAGE | Rank: 0.01325052 | Lang: NA
-
एकनाथी भागवत - श्लोक ८ वा
नाथमहाराजांचा हा प्रासादिक ग्रंथ परमपूज्य असल्याने यावर भक्तजनांची आदरबुद्धी आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01325052 | Lang: NA
-
प्रासंगिक कविता - प्रसंग ४
समर्थ रामदासांनी हिन्दी भाषेत रसाळ पदे लिहीली आहेत.
Type: PAGE | Rank: 0.01325052 | Lang: NA
-
ब्रह्मदेवकृतकृष्णस्तोत्रम् - ब्रह्मोवाच । रक्ष रक्ष...
भगवान श्रीकृष्ण विष्णुचा आठवा अवतार आहे. श्रीकृष्णाचा अवतार पूर्ण अवतार समजतात. Lord Krishna is the eighth and the most popular incarnation of Lord Vishnu.
Type: PAGE | Rank: 0.01325052 | Lang: NA
-
नृसिंहाची पदें - पदे १ ते ६
मध्वमुनीश्वरांची कविता
Type: PAGE | Rank: 0.01311735 | Lang: NA
-
ककारादिकालीशतनामस्तोत्रम्
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. स्तोत्रे स्तुतीपर असल्याने, त्यांना कोणतेही वैदिक नियम नाहीत. स्तोत्रांचे पठण केल्याने इच्छित फल प्राप्त होते. In Hinduism, a Stotra is a hymn of praise, that praise aspects of Devi and Devtas. Stotras are invariably uttered aloud and consist of chanting verses conveying the glory and attributes of God.
Type: PAGE | Rank: 0.01124344 | Lang: NA
-
आज्ञापत्र - पत्र ९
ऐतिहासिक साहित्य समजणे ही एक कठीण प्रक्रिया आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01060042 | Lang: NA
-
एकनाथी भागवत - श्लोक ५ वा
नाथमहाराजांचा हा प्रासादिक ग्रंथ परमपूज्य असल्याने यावर भक्तजनांची आदरबुद्धी आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01060042 | Lang: NA
-
श्रीकाशीक्षेत्रस्थप्रार्थना
महाराष्ट्रकविवर्य श्रीमयूरविरचिते ग्रन्थ ‘ संस्कृतकाव्यानि ’
Type: PAGE | Rank: 0.01060042 | Lang: NA
-
अन्वयव्यतिरेक - षष्ठ: समास:
समर्थ रामदास स्वामींचा जन्म औरंगाबाद जिल्ह्यात सन १६०८, शके १५३० रोजी झाला.
Type: PAGE | Rank: 0.01060042 | Lang: NA
-
खण्डः ३ - अध्यायः ३५०
विष्णुधर्मोत्तर पुराण एक उपपुराण आहे. अधिक माहितीसाठी प्रस्तावना पहा.
Type: PAGE | Rank: 0.01060042 | Lang: NA
-
नक्षत्रजननशांतयः - भद्राजननशान्तिः
‘कृत्य दिवाकरः’ या ग्रंथाद्वारे शास्त्रोक्त पूजा पाठ कसे करावेत याचे ज्ञान मिळते.
Type: PAGE | Rank: 0.01060042 | Lang: NA
-
महामृत्युञ्जयस्तोत्रम् । - श्रीगणेशाय नमः ॥ ॐ अस्य ...
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे.
A Stotra is a hymn of praise, that praise aspects of Devi and Devtas.
Type: PAGE | Rank: 0.01060042 | Lang: NA
-
एकनाथस्तव
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 0.01060042 | Lang: NA
-
उत्तरखण्डः - अध्यायः १३०
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
Type: PAGE | Rank: 0.01060042 | Lang: NA
-
गंगेचीं पदें - पदे १ ते ३
मध्वमुनीश्वरांची कविता
Type: PAGE | Rank: 0.01060042 | Lang: NA
-
विष्णुस्मृतिः - अध्यायः ९८
स्मृतिग्रंथ म्हणजे धर्मशास्त्रावरील एक आवश्यक वचनांचा भाग.
Type: PAGE | Rank: 0.01060042 | Lang: NA
-
धर्मसिंधु - जलादि मरणाविषयी
हिंदूंचे ऐहिक, धार्मिक, नैतिक अशा विषयात नियंत्रण करावे आणि त्यांना इह-परलोकी सुखाची प्राप्ती व्हावी ह्याच अत्यंत उदात्त हेतूने प्रेरित होउन श्री. काशीनाथशास्त्री उपाध्याय यांनी ’धर्मसिंधु’ हा ग्रंथ रचला आहे.
This 'Dharmasindhu' grantha was written by Pt. Kashinathashastree Upadhyay, in the year 1790-91.
Type: PAGE | Rank: 0.01060042 | Lang: NA
-
शंकराची आरती - निर्गुणा निर्विकारा ॥ शिव...
देवीदेवतांची काव्यबद्ध स्तुती म्हणजेच आरती. The poem composed in praise of God is Aarti.
Type: PAGE | Rank: 0.01060042 | Lang: NA
-
श्री शंकराचार्य वंदना - अध्याय पंधरावा
निर्मला गणेश जोशी विरचित श्रीमद् जगद्गुरु श्रीमद् आद्यशंकराचार्य यांचे पोथी चरित्र.
Type: PAGE | Rank: 0.009369534 | Lang: NA