चापयोग
जिसके जन्मकालमें शुक्र कुंभराशिका हो, मंगल मेषराशिका एव बृहस्पति अपनी राशिका हो तो चापयोग होता है. ऐसे योगमें उत्पन्न राजा दिग्विजयी होता है ॥१॥
दण्डयोग
जिसके जन्मकालमें कर्क, मिथुन, मीन, कन्या, धन इन राशियोंमें कुल ग्रह पडैं तो राजाओंको स्थानकारक दंडयोग होता है, दंडयोगमें पैदाहुआ मनुष्य बहुत पुण्यभागी, एक छत्र राजा, तेजवान्, सिंहके तुल्य पराक्रमी, नौकरोंसे सेव्यमान, गुरुका भक्त होता है ॥१॥२॥