हिंदी सूची|व्रत|मासिक व्रत परिचय|कार्तिकके व्रत|कार्तिक शुक्लपक्ष व्रत| तुलसीवास कार्तिक शुक्लपक्ष व्रत गोवर्धनपूजा अन्नकूट मार्गपाली यमद्वितीया नागव्रत जयापञ्चमी वह्निमहोत्सव शाकसप्तमी गोष्ठ अष्टमी नवमीव्रत सार्वभौमव्रत आशादशमी आरोग्यव्रत राज्यप्राप्तिव्रत ब्रह्मप्राप्ति व्रत शुक्लैकादशी प्रबोधैकादशीकृत्य भीष्मपञ्चक तुलसीविवाह तुलसीवास ब्रह्मकूर्च पाषाणचतुर्दशी वैकुण्ठचतुर्दशी कार्तिकी कार्तिकीका उद्यापन कार्तिक शुक्लपक्ष व्रत - तुलसीवास व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है । Tags : festivalkartikvratकार्तिकमहिनाव्रतसण तुलसीवास Translation - भाषांतर तुलसीवास ( स्कन्दपुराण ) - कार्तिक शुक्ल नवमीको प्रातःस्त्रानादि करके मकानके अंदर बालूकी वेदी बनाये । उसपर तुलसीका प्रत्यक्ष पेड़ और चाँदीकी सपत्र शाखा तथा सोनेकी मंजरीयुक्त निर्मित पेड़ रखके यथाविधि पूजन करे । ऋतुकालके फल - पुष्पादिका भोग लगाये । एक दीपकको घीसे पूर्ण करके लम्बी बातीसे उसे अखण्ड प्रज्वलित रखे और निराहार रहकर रात्रिमें कथावार्ता श्रवण करनेके अनन्तर जमीनपर शयन करे । इस प्रकार नवमी, दशमी और एकादशीका उपवास करनेके अनन्तर द्वादशीको ( रेवतीके अन्तिम तृतीयांशकी २० घड़ियाँ हों तो उनको त्यागकर । ब्राह्मणदम्पतिको दान - मानसाहित भोजन कराकर स्वयं भोजन करे । N/A References : N/A Last Updated : January 22, 2009 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP