कार्तिक शुक्लपक्ष व्रत - सार्वभौमव्रत

व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।


सार्वभौमव्रत

( वराहपुराण ) - कार्तिक शुक्ल दशमीको प्रातःस्त्रान करके नक्तव्रत करनेकी प्रतिज्ञा करे और विविध प्रकारके चित्र - विचित्र गन्ध - पुष्पादिसे दिशाओंका पूजन करके दध्योदनादिकी शुद्ध बलि दे । उस समय -

' सर्वा भवत्यः सिध्यन्तु मम जन्मनि जन्मनि ।'

यह प्रार्थना करे और अर्धरात्रिमें दध्योदन ( दही और भात ) का भोजन करे । इस प्रकार प्रत्येक मासकी शुक्ल दशमीको वर्षभर करे तो दिग्विजयी ( अथवा सर्वत्र विजयी ) होता है ।

N/A

References : N/A
Last Updated : January 22, 2009

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP