ब्रह्मप्राप्ति - व्रत
( विष्णुधर्मोत्तर ) - कार्तिक शुक्ल दशमी ( या किसी भी शुक्ल दशमी ) को १ - आत्मा, २ - आयु, ३ - मन, ४ - दक्ष, ५ - मद, ६ - प्राण, ७ - हविष्मान् ८ - गविष्ठ ( स्वर्गस्थ ), ९ - दत्त और १० - सत्य - इनका तथा अङ्गिरसका यथाविधि पूजन करके उपवास करे तो ब्रह्मत्वकी प्राप्ति होती है ।