हिंदी सूची|व्रत|मासिक व्रत परिचय|कार्तिकके व्रत|कार्तिक शुक्लपक्ष व्रत| अन्नकूट कार्तिक शुक्लपक्ष व्रत गोवर्धनपूजा अन्नकूट मार्गपाली यमद्वितीया नागव्रत जयापञ्चमी वह्निमहोत्सव शाकसप्तमी गोष्ठ अष्टमी नवमीव्रत सार्वभौमव्रत आशादशमी आरोग्यव्रत राज्यप्राप्तिव्रत ब्रह्मप्राप्ति व्रत शुक्लैकादशी प्रबोधैकादशीकृत्य भीष्मपञ्चक तुलसीविवाह तुलसीवास ब्रह्मकूर्च पाषाणचतुर्दशी वैकुण्ठचतुर्दशी कार्तिकी कार्तिकीका उद्यापन कार्तिक शुक्लपक्ष व्रत - अन्नकूट व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है । Tags : festivalkartikvratकार्तिकमहिनाव्रतसण अन्नकूट Translation - भाषांतर अन्नकूट ( भागवत और व्रतोत्सव ) - कार्तिक शुक्ल प्रतिपदाको भगवानके नैवेद्यमें नित्यके नियमित पदार्थोंके अतिरिक्त यथासामर्थ्य ( दाल, भात, कढ़ी, साग आदि ' कच्चे ' ; हलवा, पूरी, खीर आदि ' पक्के '; लड्डू, पेडे़, बर्फी, जलेबी आदि ' मीठे ' ; केले, नारंगी, अनार, सीताफल आदि ' फल ' - फूल; बेंगन, मूली, साग - पात, रायते, भूजिये आदि ' सलूने ' और चटनी, मुरब्बे, अचार आदि खट्टे - मीठे - चरपरे ) अनेक प्रकारके पदार्थ बनाकर अर्पण करे और भगवानके भक्तोंको यथाविभाग भोजन कराकर शेष सामग्री आशार्थियोंमें वितरण करे । अन्नकूट यथार्थमें गोवर्धनकी पूजाका ही समारोह है । प्राचीन कालमें व्रजके सम्पूर्ण नर - नारी अनेक पदार्थोंसे इन्द्रका पूजन करते और नाना प्रकारके षडरसपूर्ण ( छप्पन भोग, छत्तीसों व्यञ्जन ) भोग लगाते थे । किंतु श्रीकृष्णने अपनी बालकावस्थामें ही इन्द्रकी पूजाको निषिद्ध बतलाकर गोवर्धनका पूजन करवाया और स्वयं ही दूसरे स्वरुपसे गोवर्धन बनकर अर्पण की हुई सम्पूर्ण भोजन - सामग्रीका भोग लगाया । यह देखकर इन्द्रने व्रजपर प्रलय करनेवाली वर्षा की, किंतु श्रीकृष्णने गोवर्धन पर्वतको हाथपर उठाकर और व्रजवासियोंको उसके नीचे खड़े रखकर बचा लिया । N/A References : N/A Last Updated : January 22, 2009 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP