गोवर्धनपूजा
( हेमाद्री ) - दीपावलीके दूसरे दिन प्रभातके समय मकानके द्वारदेशमें गौके गोबरका गोवर्धन बनाये । शास्त्रमें उसको शिखरप्रयुक्त, वृक्ष - शाखादिसे संयुक्त और पुष्पादिसे सुशोभित बनानेका विधान हैं; किंतु अनेक स्थानोंमें उसे मनुष्यके आकारका बनाकर पुष्पादिसे भूषित करते हैं । चाहे जैसा हो, उसका गन्ध - पुष्पादिसे पूजन करके
' गोवर्धन धराधार गोकुलत्राणकारक । विष्णुबाहुकृतोच्छ्राय गवां कोटिप्रदो भव ॥'
से प्रार्थना करे । इसके पीछे भूषणीय गौओंका आवाहन करके उनका यथाविधि पूजन करे और
' लक्ष्मीयाँ लोकपालानां धेनुरुपेण संस्थिता । घृतं वहति यज्ञार्थे मम पापं व्यपोहतु ॥'
से प्रार्थना करके रात्रिमें गौसे गोवर्धनका उपमर्दन कराये ।