हमारे एक अलह प्रिय प्यारा है ।
घट-घट नूर उसी प्यारेका जाका सकल पसारा है ॥
चौदह तबक जाकी रोशनाई, झिलमिल जोत सितारा है ।
बेनमून बेचून अकेला, हिंदु तुरकसे न्यारा है ॥
सोइ दरबेस दरस निज पायो, सोई मुसलिम सारा है ।
आवै न जाय, मरै नहिं जीवै 'यारी' यार हमारा है ॥