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हमारे एक अलह प्रिय प्यारा...

भजन - हमारे एक अलह प्रिय प्यारा...

हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्‌को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।


हमारे एक अलह प्रिय प्यारा है ।

घट-घट नूर उसी प्यारेका जाका सकल पसारा है ॥

चौदह तबक जाकी रोशनाई, झिलमिल जोत सितारा है ।

बेनमून बेचून अकेला, हिंदु तुरकसे न्यारा है ॥

सोइ दरबेस दरस निज पायो, सोई मुसलिम सारा है ।

आवै न जाय, मरै नहिं जीवै 'यारी' यार हमारा है ॥

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Last Updated : December 25, 2007

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