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बिरहिनी मंदिर दियना बार ...

भजन - बिरहिनी मंदिर दियना बार ...

हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्‌को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।


बिरहिनी मंदिर दियना बार ॥

बिन बाती बिन तेल जुगतसों, बिन दीपक उजियार ।

प्रान पिया मेरे गृह आये, रचि-पचि सेज सँवार ॥

सुखमन सेज परम तत रहिया, पिय निरगुन निरकार ।

गावहु री मिलि आनँद-मंगल, 'यारी' मिलके यार ॥

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Last Updated : December 25, 2007

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