संस्कृत सूची|संस्कृत साहित्य|पुस्तकं|आर्या-सप्तशती| ज-कार-व्रज्या आर्या-सप्तशती ग्रन्थारम्भ-व्रज्या अ-कार-व्रज्या आ-कार-व्रज्या इ-कार-व्रज्या ई-कार-व्रज्या उ-कार-व्रज्या ऊ-कार-व्रज्या ऋ-कार-व्रज्या ए-कार-व्रज्या क-कार-व्रज्या ख-कार-व्रज्या ग-कार-व्रज्या घ-कार-व्रज्या च-कार-व्रज्या ज-कार-व्रज्या झ-कार-व्रज्या ढ-कार-व्रज्या त-कार-व्रज्या द-कार-व्रज्या ध-कार-व्रज्या न-कार-व्रज्या प-कार-व्रज्या ब-कार-व्रज्या भ-कार-व्रज्या म-कार-व्रज्या य-कार-व्रज्या र-कार-व्रज्या ल-कार-व्रज्या व-कार-व्रज्या श-कार-व्रज्या ष-कार-व्रज्या स-कार-व्रज्या ह-कार-व्रज्या क्ष-कार-व्रज्या आर्या सप्तशती - ज-कार-व्रज्या आर्या सप्तशती हा आचार्य गोवर्धनाचार्य यांनी रचलेला पवित्र ग्रंथ आहे. Tags : arya saptashatigovardhanacharyaआर्या सप्तशतीगोवर्धनाचार्यसंस्कृत ज-कार-व्रज्या Translation - भाषांतर जल-बिन्दवः कतिपये नयनाद् गमनोद्यमे तव स्खलिताः ।कान्ते मम गन्तव्या भूर् एतैर् एव पिच्छिलिता ॥२३५॥जृम्भोत्तम्भित-दोर्-युग-यन्त्रित-ताटङ्क-पीडित-कपोलम् ।तस्याः स्मरामि जल-कण-लुलिताञ्जनम् अलस-दृष्टि मुखम् ॥२३६॥जागरित्वा पुरुषं परं वने सर्वतो मुखं हरसि ।अति शरद्-अनुरूपं तव शीलम् इदं जाति-शालिन्याः ॥२३७॥इति विभाव्याख्या-समेता ज-कार-व्रज्या ॥ N/A References : N/A Last Updated : November 11, 2016 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP