आर्या सप्तशती - ऋ-कार-व्रज्या
आर्या सप्तशती हा आचार्य गोवर्धनाचार्य यांनी रचलेला पवित्र ग्रंथ आहे.
ऋजुना निधेहि चरणौ परिहर सखि निखिल-नागराचारम् ।
इह डाकिनीति पल्ली-पतिः कटाक्षेऽपि दण्डयति ॥१४०॥
ऋषभो ऽत्र गीयत इति श्रुत्वा स्वर-पारगा वयं प्राप्ताः ।
को वेद गोष्ठम् एतद् गो-शान्तौ विहित-बहु-मानम् ॥१४१॥
इति विभाव्याख्या-समेता ऋ-कार-व्रज्या ॥
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Last Updated : November 11, 2016
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