सुशर्मन् n. कर्ण का एक पुत्र, जो भारतीय युद्ध में नकुल के द्वारा मारा गया । पाठभेद (भांडारकर संहिता) - ‘सुषेण’।
सुशर्मन् (त्रैगर्त प्रस्थलाधिपति) n. त्रिगर्त देश का सुविख्यात राजा, जो वृद्धक्षेम राजा का पुत्र था । इसी कारण, इसे ‘वार्धक्षेमि’ पैतृक नाम प्राप्त था । यह एवं इसके सत्यरथ, सत्यधर्मन्, सत्यवर्मन् सत्येषु एवं सत्यकर्मन् नामक पाँच भाई अत्यंत पराक्रमी थे, एवं स्वयं को ‘संशप्तक’ योद्धा कहलाते थे । महाभारत में अन्यत्र इसे ‘त्रिगर्त’ एवं ‘प्रस्थलाधिपति’ भी कहा गया है
[म. द्रो. १६.१९] ।
सुशर्मन् (त्रैगर्त प्रस्थलाधिपति) n. यह शुरू से ही दुर्योधन का पक्षपाती था, एवं पाण्डवों से द्वेष करता था । पाण्डवों के अज्ञातवास में, इसने दुर्योधन के लिए विराट की गायों का हरण किया था, एवं विराट को कैद कर दुर्योधन के सम्मुख पकड़ कर लाया । किन्तु पश्चात् भीम ने इस पर हमला कर इसे कैदी बनाया, एवं इसे युधिष्ठिर के सामने लाया । उस समय युधिष्ठिर ने इसे बिना किसी शर्त के मुक्त किया
[म. वि. २९-३२] ।
सुशर्मन् (त्रैगर्त प्रस्थलाधिपति) n. इस युद्ध में यह कौरवपक्ष में शामिल था, एवं इसने एवं इसके भाइयों ने अर्जुन का वध करने की प्रतिज्ञा की थी । किन्तु यह एवं इसके सारे भाई अर्जुन के द्वारा मारे गये
[म. द्रो. २७] ;
[श. २६.४४] ।
सुशर्मन् (त्रैगर्त प्रस्थलाधिपति) n. महाभारत के द्रोणपर्व में ‘संशप्तक पर्व’ नामक एक उपपर्व है, जहॉं इसे एवं इसके पाँचो भाइयों को ‘संशप्तक योद्धा’ कहा गया है
[म. द्रो. १६-३१] । रण में अपने विशिष्ट प्रतिपक्षी का वध करने की, एवं उनमें यशस्वितता प्राप्त न होने पर आत्महत्या करने की प्रतिज्ञा करनेवाले वीरों को ‘संशप्तक योद्धा’ कहा जाता था
[म. द्रो. १६.३९] । इन योद्धाओं की यह प्रतिज्ञा होमहवन के साथ, एवं अग्निदेवता की साक्षी में ली जाती थी । प्रतिज्ञानग्रहण के पश्चात् ये वीर दर्भ से बने हुए वस्त्र धारण करते थे, एवं अपने वस्त्रों पर अग्निचर्चित धूत का प्रयोग करते थे
[म. द्रो. १६. २१-३७] । जयद्रथवध के समय अर्जुन ने भी इसी प्रकार की प्रतिज्ञा की थी, किन्तु वहाँ उसे संशप्तक नहीं कहा गया है
[म. द्रो. ५१.३४-३७] ।
सुशर्मन् (वार्धक्षेमि) n. पांचाल देश का एक योद्धा, जो भारतीय युद्ध में पाण्डव पक्ष में शामिल था
[म. उ. १६८.१६] । वृद्धक्षेम का पुत्र होने के कारण, यह ‘वार्धक्षेमि’ नाम से ही अधिक सुविख्यात था (वार्धक्षेमि १. देखिये) ।
सुशर्मन् (शांशपायन) n. एक आचार्य, जो वायु के अनुसार, व्यास की पुराणशिष्यपरंपरा में से रोमहर्षण नामक आचार्य का शिष्य था
[वायु. ६१.५६] ।
सुशर्मन् II. n. (कण्व. भविष्य.) कण्ववंश का अंतिम राजा, जो अपने बलि नामक अमात्य के द्वारा मारा गया
[भा. १२.१.२२] ।
सुशर्मन् III. n. धर्मसावर्णि मनु का एक पुत्र ।
सुशर्मन् IV. n. एक दुराचारी ब्राह्मण, जिसकी कथा भगवद्गीता के प्रथम अध्याय का माहात्म्य कथन करने के लिए पद्म में दी गयी है
[पद्म. उ. १७५] ।
सुशर्मन् V. n. एक ब्राह्मण, जो विशाल नामक ब्राह्मण का पुत्र था । बलाक नामक राक्षस ने इसकी पत्नी का हरण किया, जिसे आगे चल कर उत्तम नामक राजा ने छुड़ा कर इसे वापस दे दिया
[मार्क. ६६.६७] ।