-
महोदर
Meanings: 32; in Dictionaries: 7
Type: WORD | Rank: 0.992002 | Lang: NA
-
महोदरः
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.8293563 | Lang: NA
-
মহোদর
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.4997076 | Lang: NA
-
ମହୋଦର
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.4997076 | Lang: NA
-
મહોદર
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.4997076 | Lang: NA
-
ভুঁড়িওয়ালা
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.4406523 | Lang: NA
-
مہودر
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.3331384 | Lang: NA
-
بڑی توند والا
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.07533561 | Lang: NA
-
ಹೊಟ್ಟೆ ಮುಂದೆ ಬಂದ
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.07533561 | Lang: NA
-
పెద్దపొట్టగల
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.06591865 | Lang: NA
-
পেটুৱা
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.06591865 | Lang: NA
-
ବଡ଼ପେଟା
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.06591865 | Lang: NA
-
ફાંદવાળો
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.06591865 | Lang: NA
-
കുടവയറന്മാരായ
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.06591865 | Lang: NA
-
ढेरपोट्या
Meanings: 3; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 0.06591865 | Lang: NA
-
बड़पेटा
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.06591865 | Lang: NA
-
धोलयो
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.06591865 | Lang: NA
-
தொந்தியுள்ள
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.04708476 | Lang: NA
-
পৃথুদর
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.03061086 | Lang: NA
-
ਪੇਟੂ
Meanings: 6; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.02825085 | Lang: NA
-
gor-bellied
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 0.0215672 | Lang: NA
-
राहु स्तोत्रम् - राहुर्दानवमन्त्री च सिंहि...
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. स्तोत्रे स्तुतीपर असल्याने, त्यांना कोणतेही वैदिक नियम नाहीत. स्तोत्रांचे पठण केल्याने इच्छित फल प्राप्त होते. In Hinduism, a Stotra is a hymn of praise, that praise aspects of Devi and Devtas. Stotras are invariably uttered aloud and consist of chanting verses conveying the glory and attributes of God.
Type: PAGE | Rank: 0.01437814 | Lang: NA
-
सूर्य सिद्धांत - पाताध्यायः
सूर्य सिद्धांत म्हणजे भारतीय खगोलशास्त्रावरील टीका आहे . हा ग्रंथ वराहमिहीरने लिहीला . याचे प्राचीन उल्लेख बौद्ध काळी तिसर्या शतकात मिळतात .
Type: PAGE | Rank: 0.007189068 | Lang: NA
-
गणेशकवचम् - ध्यायेत् सिंहगतं विनायकमम...
‘कवच‘ स्तोत्राचे पठण केल्याने देवी/देवता अदृष्य रूपात उपासकांना सुरक्षात्मक कवच प्रदान करतात.
Type: PAGE | Rank: 0.007189068 | Lang: NA
-
गणेशकवचम् - मुनिरुवाच । ध्यायेत् सिं...
देवी देवता कवच शारीरिक आणि मानसिक सुरक्षा देते, नकारात्मक शक्ती आणि संकटांपासून वाचवते.
Type: PAGE | Rank: 0.006290435 | Lang: NA
-
श्रीगणेशकवचम् - गौर्युवाच । एषोऽतिचपलो द...
देवी देवता कवच शारीरिक आणि मानसिक सुरक्षा देते, नकारात्मक शक्ती आणि संकटांपासून वाचवते.
Type: PAGE | Rank: 0.006290435 | Lang: NA
-
उत्तर पर्व - अध्याय ७
भविष्यपुराणांत धर्म, सदाचार, नीति, उपदेश, अनेक आख्यान, व्रत, तीर्थ, दान, ज्योतिष अणि आयुर्वेद शास्त्र वगैरे विषयांचा अद्भुत संग्रह आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.006290435 | Lang: NA
-
भविष्यपर्व - एकोनपञ्चाशत्तमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.005391801 | Lang: NA
-
भविष्यपर्व - त्रिपञ्चाशत्तमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.005391801 | Lang: NA
-
युद्धखण्डः - अध्यायः ९
शिव पुराणात भगवान शिवांच्या विविध रूपांचे, अवतारांचे, ज्योतिर्लिंगांचे, शिव भक्तांचे आणि भक्तिचे विस्तृत वर्णन केलेले आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.005391801 | Lang: NA
-
उत्तरार्धम् - अध्यायः ७
वायुपुराणात खगोल, भूगोल, सृष्टिक्रम, युग, तीर्थ, पितर, श्राद्ध, राजवंश, ऋषिवंश, वेद शाखा, संगीत शास्त्र, शिवभक्ति, इत्यादिचे सविस्तर निरूपण आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.005391801 | Lang: NA
-
एकाक्षरगणपतिकवचम् - त्रैलोक्यमोहनकवचम् । एका...
देवी देवता कवच शारीरिक आणि मानसिक सुरक्षा देते, नकारात्मक शक्ती आणि संकटांपासून वाचवते.
Type: PAGE | Rank: 0.005391801 | Lang: NA
-
मध्यम भागः - अध्यायः २४
ब्रह्माण्डाच्या उत्पत्तीचे रहस्य या पुराणात वर्णिलेले आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.005083439 | Lang: NA
-
अवन्तीक्षेत्रमाहात्म्यम् - अध्याय ५३
भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) ने कथन केल्यामुळे ह्या पुराणाचे नाव 'स्कन्दपुराण' आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.004493168 | Lang: NA
-
दशमकाण्ड: - ११ ते १६
पैप्पलादसंहिता
Type: PAGE | Rank: 0.003594534 | Lang: NA
-
कृतयुगसन्तानः - अध्यायः २१२
लक्ष्मीनारायणसंहिता
Type: PAGE | Rank: 0.003594534 | Lang: NA
-
सौरपुराणं - अध्यायः ३०
सौरपुराणं व्यासकृतम् ।
Type: PAGE | Rank: 0.003594534 | Lang: NA
-
नागरखण्डः - अध्याय २२६
भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) ने कथन केल्यामुळे ह्या पुराणाचे नाव 'स्कन्दपुराण' आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.003594534 | Lang: NA
-
श्रीवामनपुराण - अध्याय ६८
श्रीवामनपुराणकी कथायें नारदजीने व्यासको, व्यासने अपने शिष्य लोमहर्षण सूतको और सूतजीने नैमिषारण्यमें शौनक आदि मुनियोंको सुनायी थी ।
Type: PAGE | Rank: 0.003594534 | Lang: NA
-
वामनपुराण - अध्याय ६८ वा
भगवान विष्णु ह्यांचा वामन अवतार हा पाचवा तसेच त्रेता युगातील पहिला अवतार होय.
Type: PAGE | Rank: 0.003594534 | Lang: NA
-
कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ३५१
लक्ष्मीनारायणसंहिता
Type: PAGE | Rank: 0.003594534 | Lang: NA
-
काशीखण्डः - अध्याय ८५
भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) ने कथन केल्यामुळे ह्या पुराणाचे नाव 'स्कन्दपुराण' आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.003594534 | Lang: NA
-
मन्त्रमहोदधिः - द्वितीयः तरङ्गः
इस ग्रंथमें जितने भी देवताओंके मंत्रप्रयोग बतलाये गए हैं , उन्हें सिद्ध करनेसे उत्तम ज्ञान की प्राप्ति होती है।
Type: PAGE | Rank: 0.003145217 | Lang: NA
-
कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ३४८
लक्ष्मीनारायणसंहिता
Type: PAGE | Rank: 0.003145217 | Lang: NA
-
रेवा खण्डम् - अध्याय १५५
भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) ने कथन केल्यामुळे ह्या पुराणाचे नाव 'स्कन्दपुराण' आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.003145217 | Lang: NA
-
नागरखण्डः - अध्याय २१०
भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) ने कथन केल्यामुळे ह्या पुराणाचे नाव 'स्कन्दपुराण' आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.003145217 | Lang: NA
-
मध्यम भागः - अध्यायः ८
ब्रह्माण्डाच्या उत्पत्तीचे रहस्य या पुराणात वर्णिलेले आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.003145217 | Lang: NA
-
आचारकाण्डः - अध्यायः १५
विष्णू पुराणाचा एक भाग असलेल्या गरूड पुराणात मृत्यूनंतरच्या स्थितीबद्दलची चर्चा आहे, शिवाय श्रद्धाळू हिंदू धर्मीयांमध्ये मृत्यूनंतर जी विविध क्रिया कर्मे केली जातात, त्याला गरूडपुराणाची पार्श्वभूमी आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.002695901 | Lang: NA
-
महागणपति सहस्रनाम स्तोत्रम् - । मुनिरुवाच । कथं नाम्ना...
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. स्तोत्रे स्तुतीपर असल्याने, त्यांना कोणतेही वैदिक नियम नाहीत. स्तोत्रांचे पठण केल्याने इच्छित फल प्राप्त होते. Stotras are invariably uttered aloud and consist of chanting verses conveying the glory and attributes of God.
Type: PAGE | Rank: 0.002695901 | Lang: NA
-
श्रीवामनपुराण - अध्याय ४७
श्रीवामनपुराणकी कथायें नारदजीने व्यासको, व्यासने अपने शिष्य लोमहर्षण सूतको और सूतजीने नैमिषारण्यमें शौनक आदि मुनियोंको सुनायी थी ।
Type: PAGE | Rank: 0.002695901 | Lang: NA