विरज n. (स्वा. नाभि.) एक राजा, जो त्वष्टु वं विरोचना के पुत्रों में से एक था । इसकी पत्नी का नाम विशुचि था, जिससे इसे शतजित् आदि सौ पुत्र एवं एक कन्या उत्पन्न हुई।
विरज II. n. चाक्षुप मन्वन्तर का एक ऋषि।
विरज III. n. सावर्णि मन्वन्तर का एक देवगण।
विरज IV. n. सावर्णि मनु के पुत्रों में से एक ।
विरज V. n. (स्वा.) एक राजा, जो भागवत के अनुसार पूर्णिमत् राजा का पुत्र था ।
विरज VI. n. एक आचार्य, जो व्यास की ऋक्शिष्य परंपरा में से जातूकर्ण्य नामक आचार्य का शिष्य था
[भा. १२.६.५८] ।