पाराशर्य n. एक उपनिषदकालीन ऋषि । बृहदारण्यक उपनिषद में दिये गये ‘विद्यावंशो’ में इसे अन्योन्य स्थानों में भरद्वाज, वैजवापायन तथा जातूकर्ण्य का शिष्य कहा गया है
[बृ.उ.३.६.२,४.६.३] । वैजवापायन का शिष्य होने का अन्यत्र समर्थन हैं
[तै.आ. १.९.२] । सामविधान ब्राह्मण में किसी व्यास पाराशर्य ऋषि को विष्वक्सेन का शिष्य बताया गया है
[साम.ब्रा.३.४१.१] । इसके शिष्यों में पाराशर्यायण, सैतव प्राचीन योग्य तथा भरद्वाज ये प्रमुख
[बृ.उ.२.६.२-३] । पाणिनि के सूत्रों में, भिक्षुसूत्र रचियता पाराशर्य का निर्देश है
[पा. सू. ४.३.११०] ।
पाराशर्य (कौथुम) n. एक आचार्य । वायु तथा ब्रह्मांड के अनुसार, यह व्यास की सामशिष्यपरंपरा में से एक था । यह कुथुमिनू का शिष्य रहा होगा ।
पाराशर्य II. n. युधिष्ठिर की सभा का एक ऋषि
[म.स.४.११] हस्तिनापुर जाते समय, श्रीकृष्ण से इसकी भेंट हुई थी ।
पाराशर्य III. n. सांकृत्य का शिष्य
[बृ.उ.२.५.२०,४.५.२६ माध्यं.] ।