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स्तुतिः स्तवः
देवी देवतांची स्तुति केल्यास, ते प्रसन्न होऊन इच्छित फल प्राप्त होते.
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कालीतंत्र - काली स्तवः
तंत्रशास्त्रातील अतिउच्च तंत्र म्हणून काली तंत्राला अतिशय महत्व आहे.
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पुष्पमाला स्तवः
भारतीय संस्कृतिच्या विकासात आद्य शंकराचार्यांचे विशेष योगदान आहे.
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श्री आदिमाता शुभंकरा स्तवनम् - आदिमाते वेदमाते भक्तानुग्...
देवी देवतांची स्तुति केल्यास, ते प्रसन्न होऊन इच्छित फल प्राप्त होते.
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श्रीसच्चिदानन्दशिवनवनृसिंहभारती स्तवः
स्वामि श्री भारतीकृष्णतीर्थ यांनी जी देवदेवतांवी स्तुती केली आहे, अशी क्वचितच् इतरांनी कोणी केली असेल.
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पशुपति पञ्चास्य स्तवः - सदा सद्योजातस्मितमधुरसास्...
शिव हि महान शक्ति असून त्रिमूर्तींपैकी एक आहेत. विश्वाची निर्मीती ब्रह्मदेवाने केली असून नाश करण्याचे कार्य शिवाचे आहे. शिवाचे वास्तव्य कैलास पर्वतावर आहे. Shiva is one of the gods of the Trinity. He is said to be the 'god of destruction'. Shiva is married to the Goddess Parvati (Uma). Parvati represents Prakriti. Lord Shiva sits in a meditative pose on Mount Kailash against, Himalayas.
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आनन्दसागरस्तवः
देवी देवतांची स्तुति केल्यास, ते प्रसन्न होऊन इच्छित फल प्राप्त होते.
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श्री आदिमाता अशुभनाशिनी स्तवनम् - प्रणवमाते गतित्राते गयःत्...
देवी देवतांची स्तुति केल्यास, ते प्रसन्न होऊन इच्छित फल प्राप्त होते.
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स्तवः
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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supplication
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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prayer
Meanings: 6; in Dictionaries: 4
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orison
Meanings: 3; in Dictionaries: 3
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celebration
Meanings: 3; in Dictionaries: 3
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eulogy
Meanings: 8; in Dictionaries: 4
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encomium
Meanings: 4; in Dictionaries: 2
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benediction
Meanings: 9; in Dictionaries: 5
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deprecate
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praise
Meanings: 9; in Dictionaries: 4
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श्रीमहागणपति नवार्ण वेदपादस्तवः - श्रियं वासय मे कुले । श्...
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. स्तोत्रे स्तुतीपर असल्याने, त्यांना कोणतेही वैदिक नियम नाहीत. स्तोत्रांचे पठण केल्याने इच्छित फल प्राप्त होते. Stotras are invariably uttered aloud and consist of chanting verses conveying the glory and attributes of God.
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पुष्पदन्त
Meanings: 23; in Dictionaries: 4
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flatter
Meanings: 12; in Dictionaries: 3
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pray
Meanings: 14; in Dictionaries: 4
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glory
Meanings: 21; in Dictionaries: 4
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शब्दवर्गः - श्लोक ३५२ ते ४०६
अमरकोश में संज्ञा और उसके लिंगभेद का अनुशासन या शिक्षा है। अन्य संस्कृत कोशों की भांति अमरकोश भी छंदोबद्ध रचना है।
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credit
Meanings: 62; in Dictionaries: 13
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श्री नारदीयमहापुराणम् - नवोतरशततमोऽध्यायः
`नारदपुराण’ में शिक्षा, कल्प, व्याकरण, ज्योतिष, और छन्द-शास्त्रोंका विशद वर्णन तथा भगवानकी उपासनाका विस्तृत वर्णन है।
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उत्तर पर्व - अध्याय १८
भविष्यपुराणांत धर्म, सदाचार, नीति, उपदेश, अनेक आख्यान, व्रत, तीर्थ, दान, ज्योतिष अणि आयुर्वेद शास्त्र वगैरे विषयांचा अद्भुत संग्रह आहे.
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वामनपुराण - अध्याय ४८ वा
भगवान विष्णु ह्यांचा वामन अवतार हा पाचवा तसेच त्रेता युगातील पहिला अवतार होय.
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श्रीरामनामसंकीर्तनम् - श्रीनाथे जानकीनाथे अभेदः ...
श्री राम हा विष्णूचा सातवा अवतार आहे.
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विष्णुधर्माः - अध्याय ९०
विष्णुधर्माः
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मार्कण्डेयपुराणम् - सप्तनवतितमोऽध्यायः
मार्कण्डेय पुराणात नऊ हजार श्लोकांचा संग्रह आहे.
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श्रीब्रह्मचैतन्यमहाराज - तिसावे वर्ष
आनंदाने प्रपंच करा पण श्रीरामाला विसरू नका, अशी शिकवण श्रीब्रह्मचैतन्य महाराजांनी जगाला दिली.
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उत्तरखण्डः - अध्यायः ७६
भगवान् नारायणाच्या नाभि-कमलातून, सृष्टि-रचयिता ब्रह्मदेवाने उत्पन्न झाल्यावर सृष्टि-रचना संबंधी ज्ञानाचा विस्तार केला, म्हणून ह्या पुराणास पद्म पुराण म्हणतात.
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महागणपति सहस्रनाम स्तोत्रम् - । मुनिरुवाच । कथं नाम्ना...
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. स्तोत्रे स्तुतीपर असल्याने, त्यांना कोणतेही वैदिक नियम नाहीत. स्तोत्रांचे पठण केल्याने इच्छित फल प्राप्त होते. Stotras are invariably uttered aloud and consist of chanting verses conveying the glory and attributes of God.
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गणेशस्तवराज भविष्योत्तरपुराणे - ॐ विघ्नेशो नः स पायाद्विह...
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. स्तोत्रे स्तुतीपर असल्याने, त्यांना कोणतेही वैदिक नियम नाहीत. स्तोत्रांचे पठण केल्याने इच्छित फल प्राप्त होते. Stotras are invariably uttered aloud and consist of chanting verses conveying the glory and attributes of God.
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बृहद्देवता - सप्तमोऽध्यायः
बृहद्देवता संस्कृत भाषेतील छंदशास्त्र ह्या विषयातील शौनकऋषींनी रचलेला एक प्राचीन ग्रंथ आहे. The Bruhaddevatā (Sanskrit: बृहद्देवता), is a metrical Sanskrit work, traditionally ascribed to Shaunaka.
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शतरुद्रसंहिता - अध्यायः ९
शिव पुराणात भगवान शिवांच्या विविध रूपांचे, अवतारांचे, ज्योतिर्लिंगांचे, शिव भक्तांचे आणि भक्तिचे विस्तृत वर्णन केलेले आहे.
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द्विसत्पतितमः पटलः - कालीस्वरूपकथनम
कालीस्तवनम्
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लघुसिद्धान्तकौमुदी - भाग ७
‘लघुसिद्धान्तकौमुदी’ पाणिनीय संस्कृत व्याकरणाची एक (अष्टाध्यायी) परम्परागत प्रवेशिका आहे. A Complete introduction to Panini Sutras for the use of beginners.
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तिष्यसन्तानः - अध्यायः ९५
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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द्विचत्वारिंशः पटलः - अष्टोत्तरसहस्त्रनामारम्भः
राकिणीसाधनम्
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अनुषङ्गापादः - अध्यायः २५
ब्रह्माण्डाच्या उत्पत्तीचे रहस्य या पुराणात वर्णिलेले आहे.
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द्वापरयुगसन्तानः - अध्यायः १०८
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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पाद १ - खण्ड ६३
व्याकरणमहाभाष्य म्हणजे पाणिनि लिखीत अष्टाध्यायीतील काही निवडक सूत्रांवर पतञ्जलिने केलेले भाष्य. या ग्रंथाची रचना ई.पू २०० ते ई.पू १४० मध्ये केली गेली, असे मत व्याकरण पंडितांचे आहे.
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पाद १ - खण्ड १
व्याकरणमहाभाष्य म्हणजे पाणिनि लिखीत अष्टाध्यायीतील काही निवडक सूत्रांवर पतञ्जलिने केलेले भाष्य. या ग्रंथाची रचना ई.पू २०० ते ई.पू १४० मध्ये केली गेली, असे मत व्याकरण पंडितांचे आहे.
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पाद १ - खण्ड ६
व्याकरणमहाभाष्य म्हणजे पाणिनि लिखीत अष्टाध्यायीतील काही निवडक सूत्रांवर पतञ्जलिने केलेले भाष्य. या ग्रंथाची रचना ई.पू २०० ते ई.पू १४० मध्ये केली गेली, असे मत व्याकरण पंडितांचे आहे.
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