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अथ क्रियापादः - प्रश्नविधिपटलः ।
सुप्रभेदागमः म्हणजे शिल्पशास्त्र ह्या विषयावरील महत्वपूर्ण ग्रंथ.
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अथ क्रियापादः - अथ तन्त्रावतारविधिपटलः
सुप्रभेदागमः म्हणजे शिल्पशास्त्र ह्या विषयावरील महत्वपूर्ण ग्रंथ.
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भक्ति गीत कल्पतरू - देवा किती सोसावा । ह्या ...
खास हितचिंतक व प्रेमळ भगिनींसाठी श्रीमती हरिभक्तपरायण वारूताई कागलकर कृत भजनांची " कल्पतरू " सुमनावली.
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मानसगीत सरोवर - प्रिये तू ह्या समयि शय्या...
भगवंताच्या लीला, त्याचे स्वरूप, अवतारकृत्ये व प्रत्येक अवतारातील अनेकविध प्रसंग, यावर आधारीत भजनांचा संग्रह, म्हणजेच मानसगीत सरोवर.
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उमाकांत मालवीय - बाहीचे ह्या तुटेबटण सदर्...
अनुवादित एकविसाव्या शतकात मानवाच्या वाट्याला आलेले एकाकीपण कित्येक कवींनी त्यांच्या एकेका कवितेने भरून काढले.
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जरी तूं ह्या येथें असतिस
केशवसुतांच्या काव्यांवर क्रांतिकारक विचारांचा, स्वातंत्र्यवादाचा, मानवधर्माचा आणि आत्मनिष्ठेचा प्रभाव आहे.
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दत्तरक्षास्तोत्रम् - ह्या दत्तरक्षास्तोत्राचा ...
देवी देवतांची स्तुती करताना म्हणावयाच्या रचना म्हणजेच स्तोत्रे. स्तोत्रे स्तुतीपर असल्याने, त्यांना कोणतेही वैदिक नियम नाहीत. स्तोत्रांचे पठण केल्याने इच्छित फल प्राप्त होते.
In Hinduism, a Stotra is a hymn of praise, that praise aspects of Devi and Devtas. Stotras are invariably uttered aloud and consist of chanting verses conveying the glory and attributes of God.
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लावणी - ह्या उघड पसार्यामधी । अ...
शाहीर प्रभाकर महाराष्ट्रातील कवी मंडळातील शाहीर कवी म्हणून ओळखले जातात.
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ह्या बोटावेलो निथु त्या बोटार काढता
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ह्या कारणान
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ह्या जागी
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ह्या जाग्यार
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ह्या वर्षी
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ह्या वर्सा
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ह्या वेळार
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ह्या वेळी
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ह्या वेळेस
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ह्या साली
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रिकाम्या माणसा काय करशी? तर ह्या कानांतलें तानवडें त्या कानांत घालशी
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any longer
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anymore
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ह्या कानानें ऐकिलें आणि ह्या कानानें सोडून दिलें
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ह्या बोटाची थुंकी त्या बोटावर करणें
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ह्या बोटाची वेदना त्या बोटास येत नाहीं
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ह्या हाताचा झाडा त्या हातावर द्यावा लागतो
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जन्म आणि विवाह ह्या गोष्टी ब्रह्मदेवच ठरवितो
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ह्या पोटाचें पाड जिणें, हाचे खातीर घेवचें उणें
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नाय, निरगूड, माका, ह्या तिहींचा घेइजे फांका आणि उडजाइजे पडलंका
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संवयी ह्या सहज लागतात व वाईट संवयी ठार मारतात
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at present
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येतल्या जल्मा सुणें जातलो म्हुण ह्या जल्मा गू खावप आसं व्हयं!
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here
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अथ क्रियापादः - मन्त्रोद्धार पटलः
सुप्रभेदागमः म्हणजे शिल्पशास्त्र ह्या विषयावरील महत्वपूर्ण ग्रंथ.
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अग्निपुराण - महत्व
अग्निपुराणात त्रिदेव – ब्रह्मा, विष्णु, महेश आणि सूर्य ह्या देवतांसंबंधी पूजा-उपासनाचे वर्णन केलेले आहे.
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now
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श्रीमद् गोपाल गीत - पद्मपुष्प पाचवे
मराठी जनास हे गीतोपनिषद, गीता ज्ञान प्राप्त व्हावे ह्या हेतुने गोपाळाने केलेले हे `गोपाल गीत'.
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स्कंद पुराण - माहात्म्य
भगवान स्कन्द (कार्तिकेय) ने कथन केल्यामुळे ह्या पुराणाचे नाव 'स्कन्दपुराण' आहे.
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चित्रापुरगुरुपरंपरा - श्रीमत् पांडुरंगाश्रम स्वामींजी आरती
सुबोधाचा भाग तर अमोल आहे. तशीच प्रश्नोत्तरी ही ह्या गुरुचरित्राचें अपूर्व वैशिष्ट्य होय.
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श्रीमद् गोपाल गीत - पद्मपुष्प तिसरे
मराठी जनास हे गीतोपनिषद, गीता ज्ञान प्राप्त व्हावे ह्या हेतुने गोपाळाने केलेले हे `गोपाल गीत'.
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चित्रापुरगुरुपरंपरा - सद्गुरुंची आरती
सुबोधाचा भाग तर अमोल आहे. तशीच प्रश्नोत्तरी ही ह्या गुरुचरित्राचें अपूर्व वैशिष्ट्य होय.
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श्रीमद् गोपाल गीत - पद्मपुष्प चौथे
मराठी जनास हे गीतोपनिषद, गीता ज्ञान प्राप्त व्हावे ह्या हेतुने गोपाळाने केलेले हे `गोपाल गीत'.
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श्रीमद् गोपाल गीत - पद्मपुष्प पहिले
मराठी जनास हे गीतोपनिषद, गीता ज्ञान प्राप्त व्हावे ह्या हेतुने गोपाळाने केलेले हे `गोपाल गीत'.
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श्रीमद् गोपाल गीत - पद्मपुष्प तिसरे
मराठी जनास हे गीतोपनिषद, गीता ज्ञान प्राप्त व्हावे ह्या हेतुने गोपाळाने केलेले हे `गोपाल गीत'.
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श्रीमद् गोपाल गीत - अर्जुन विषाद योग
मराठी जनास हे गीतोपनिषद, गीता ज्ञान प्राप्त व्हावे ह्या हेतुने गोपाळाने केलेले हे `गोपाल गीत'.
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श्रीमद् गोपाल गीत - पद्मपुष्प दुसरे
मराठी जनास हे गीतोपनिषद, गीता ज्ञान प्राप्त व्हावे ह्या हेतुने गोपाळाने केलेले हे `गोपाल गीत'.
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सार्थ श्रीमहाभारतसुभाषितानि - प्रस्तावना
लोकांचे अज्ञान नाहींसे होऊन, त्यांना ज्ञान प्राप्त व्हावें, ह्या हेतूनें श्रीभगवान् व्यास महर्षींनी महाभारत ग्रंथ निर्माण केला.
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चित्रापुरगुरुपरंपरा - कृताञ्जलिः
सुबोधाचा भाग तर अमोल आहे. तशीच प्रश्नोत्तरी ही ह्या गुरुचरित्राचें अपूर्व वैशिष्ट्य होय.
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चित्रापुरगुरुपरंपरा - अध्याय ॥६१॥
सुबोधाचा भाग तर अमोल आहे. तशीच प्रश्नोत्तरी ही ह्या गुरुचरित्राचें अपूर्व वैशिष्ट्य होय.
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विवेकचूडामणी - श्लोक संग्रह १०१-१५०
विवेकचूडामणी ह्या ग्रंथात आत्मानात्मविचार आणि तत्त्वज्ञान पूर्णपणे भरलेले आहे, शिवाय ईश्वरप्राप्तीचा ज्ञानमार्ग उत्तम प्रकारे दर्शविला आहे.
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श्रीमद् गोपाल गीत - पद्मपुष्प पाचवे
मराठी जनास हे गीतोपनिषद, गीता ज्ञान प्राप्त व्हावे ह्या हेतुने गोपाळाने केलेले हे `गोपाल गीत'.
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