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मैत्रेयी
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मैत्रेयी
हिंदू धर्मातील पुराणे अतिप्राचीन असून त्यातील कथा उच्च संस्कृतीच्या प्रतिक आहेत.
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मैत्रेयी उपनिषद
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मैत्रेयी उपनिषद्
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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आख्यान मैत्रेयी - याज्ञवल्क्य संवाद
कीर्तनकारांना नित्य उपयोगी अशी आख्याने. विष्णुदासांनी याला ’कीर्तन-मुक्ताहार’ असे नाव दिले होते.
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याज्ञवल्क्य आणि मैत्रेयी
कीर्तनकारांना नित्य उपयोगी अशी आख्याने. विष्णुदासांनी याला ’कीर्तन-मुक्ताहार’ असे नाव दिले होते.
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میتریئی
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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میترٛییی
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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মৈত্রেয়ী
Meanings: 3; in Dictionaries: 2
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ਮੈਤਰੇਈ
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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ମୈତ୍ରେୟୀ
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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મૈત્રેયી
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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میترٛیہِ
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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মৈত্রেয়ী উপনিষদ
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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ମୈତ୍ରାୟୀ ଉପନିଷଦ
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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મૈત્રેયી ઉપનિષદ
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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ਮੈਤਰੇਯੀ ਉਪਨਿਸ਼ਦ
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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मैत्रेयि उपनिषद्
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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मैत्रेयोपनिषद्
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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മൈത്രേയ ഉപനിഷത്
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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सीमान्तिनी
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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ठाकुर प्रसाद - सप्तम स्कन्ध सूची
ठाकुर प्रसाद म्हणजे समाजाला केलेला उपदेश.
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मित्रयु
Meanings: 18; in Dictionaries: 5
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मित्रा
Meanings: 18; in Dictionaries: 7
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जन्मभूमीचे गीत
कीर्तनकारांना नित्य उपयोगी अशी आख्याने. विष्णुदासांनी याला ’कीर्तन-मुक्ताहार’ असे नाव दिले होते.
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कात्यायनी
Meanings: 16; in Dictionaries: 8
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विष्णुधर्माः - अध्याय १३
विष्णुधर्माः
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याज्ञवल्क्य वाजसनेय
Meanings: 30; in Dictionaries: 1
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विष्णुधर्माः - अध्याय ९८
विष्णुधर्माः
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१०८
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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संकेत कोश - संख्या १०८
हिंदू धर्मात असे अनेक संकेत आहेत ,जे आपल्या जीवनात मोलाचे कार्य बजावतात .
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श्रीदत्तमाहात्म्य - अध्याय ४ था
श्रीमत्परमहंस वासुदेवानंदसरस्वतीस्वामीकृत श्रीदत्तमाहात्म्य
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श्रीसप्तशतीगुरुचरित्र - अध्याय ३५
श्रीसप्तशतीगुरुचरित्र वाचल्याने गुरूचरित्र वाचल्याचेच समाधान आणि पुण्य मिळते.
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पंचत्रिंशोsध्याय:
श्री. प. प.वासुदेवानन्दसरस्वतीकृत श्रीगुरुचरित्रकाव्य
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सुलभा
Meanings: 15; in Dictionaries: 7
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खंड ४ - अध्याय ५१
मुद्गल पुराणात श्री गणेशाच्या आठ अवतारांचे वर्णन आहे.
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एकनाथी भागवत - श्लोक ३१ वा
नाथमहाराजांचा हा प्रासादिक ग्रंथ परमपूज्य असल्याने यावर भक्तजनांची आदरबुद्धी आहे.
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ४४८
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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संकेत कोश - संख्या ४
हिंदू धर्मात असे अनेक संकेत आहेत ,जे आपल्या जीवनात मोलाचे कार्य बजावतात .
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पूर्वार्ध - अभंग ५०१ ते ६००
श्री मुक्तेश्वरी पोथी वाचल्याने आत्मिक समाधान मिळते.
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श्रीदत्तलीलामृताब्धिसार - प्रथमलहरी
श्री वासुदेवानंद सरस्वती स्वामी महाराज यांनी रचलेल्या या पोथीत श्री गुरूदत्तांच्या अगाध लीलांचे वर्णन केले आहे.
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अथ श्रीगायत्रीसहस्रनामस्तोत्रम्
श्रीगायत्री परां देवीं विप्रेभ्योऽभयदां मुदा । वन्दे ब्रह्मप्रदां साक्षात्सच्चिदानंदरूपिणीम् ॥ अनुक्रमणिका प्रमाणे वाचन करावे.
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ५०७
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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कृतयुगसन्तानः - अध्यायः ५०१
लक्ष्मीनारायणसंहिता
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अहल्या
Meanings: 21; in Dictionaries: 7
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श्री रेणुका देवी माहात्म्य - अध्याय १
श्री रेणुका देवीची भक्ति केल्याने इच्छित फल प्राप्त होते.
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गुरुचरित्र - अध्याय पस्तीसावा
श्रीगुरुचरित्र हा ग्रंथ महाराष्ट्रात वेदांइतकाच मान्यता पावलेला आहे.
Shri GuruCharitra is the most influential book written in Marathi.
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४
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स्त्रीशिक्षा - प्रकरण १ लें
श्री.प.प.वासुदेवानन्दसरस्वती टेंभेस्वामी यांनी स्त्रीयांना अतिशय मार्मिक उपदेश केला आहे.
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॥प्रसंग॥ १०२
एका रामदासीने "दासविश्रामधाम" नावाचे मोठे बाड चार भागात ओवी रुपात लिहिले. धुळ्याचे सज्जन ब्राम्हण व राजवाडे संस्था नि ब्राम्हण बँकांनी ते सन १९३० च्या दरम्यान छापून घेतले.
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