चालो चालो सखी दर्शन कर ल्यो
रथ चढ़ रघुनन्दर आवत है ॥ टेर॥
आर बार मोतियन की झलक है,
बिच बिच राम बिराजत है ॥१॥
सियारामा, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न,
हनुमत चँवर ढुलावत है ॥२॥
मृदंग झाँझ, पखावज बाजे,
नारद बेन बजावत है ॥३॥
सुर नर मुनि सब दर्शन आये ,
सखियाँ मंगल गावत है ॥४॥
तुलसी दास आस रघुबर की,
चरणाँ चित्त लगावत है ॥५॥