अभिलाषा - कन्हैया कन्हैया पुकारा ...

’अभिलाषा’के अंतर्गत भगवत्प्रेमी संतोंकी सुमधुर कल्याणमयी कामनाओंका दिग्दर्शन करानेवाले पदोंकी छटा भाव-दृष्टिके सामने आती है ।


कन्हैया कन्हैया पुकारा करेंगे,

लताओं में ब्रज की गुजारा करेगें, कन्हैया ....॥टेर॥

कहीं तो मिलेगें वो बाँके बिहारी,

उन्हीं के चरण चित लगाया करेंगे, कन्हैया ....॥१॥

बना करके हृदय में हम प्रेम मन्दिर,

वहीं उनको झूला झुलाया करेगें, कन्हैया ....॥२॥

उन्हें हम बिठावेंगे आँखों में, दिल में ,

उन्हीं से सदा लौ लगाया करेंगे, कन्हैया ....॥३॥

जो रुठेंगे हमसे वो बाँके बिहारी,

चरण पड़ उन्हें हम मनाया करेंगे, कन्हैया ....॥४॥

उन्हें प्रेम डोरी से हम बाँध लेंगे,

तो फिर वो कहाँ भाग जाया करेंगे, कन्हैया ....॥५॥

उन्होंने छुड़ाये थे गज के वो बन्धन,

वही मेरे संकट मिटाया करेंगे, कन्हैया ....॥६॥

उन्होंने नचाये थे ब्रह्माण्ड सारे,

मगर अब उन्हें हम नचाया करेंगे, कन्हैया ....॥७॥

भजेंगे जहाँ प्रेम से नन्द-नन्दन,

कन्हैया छबि को दिखाया करेंगे, कन्हैया ....॥८॥


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Last Updated : January 22, 2014

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