हिंदी सूची|व्रत|मासिक व्रत परिचय|चैत्रके व्रत|चैत्र शुक्लपक्ष व्रत| गौरीविसर्जन चैत्र शुक्लपक्ष व्रत संवत्सर संवत्सरपूजन तिलकव्रत आरोग्यव्रत विद्याव्रत नवरात्र पञ्चरात्र पञ्चरात्र बालेन्दुव्रत नेत्रव्रत दोलनोत्सव गौरीतृतीया ईश्वर - गौरी गौरीविसर्जन श्रीव्रत लक्ष्मीव्रत कुमारव्रत मोदनव्रत नामसप्तमी सूर्यव्रत अशोककलिकाप्राशनव्रत रामनवमी शुक्लैकादशी मदनद्वादशी मदनपूजा प्रदोषव्रत चैत्री पूर्णिमा तिथीशपूजन हनुमद्व्रत चैत्र शुक्लपक्ष व्रत - गौरीविसर्जन व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है । Tags : chaitrafestivalmonthvratचैत्रमहिनाव्रतसण गौरीविसर्जन Translation - भाषांतर गौरीविसर्जन ( व्रतोत्सव ) - यह भी चैत्र शुक्ल तृतीयाको होता है । होलीके दूसरे दिन ( चैत्र कृष्ण प्रतिपदा ) से जो कुमारी और विवाहिता बालिकाएँ, प्रतिदिन गनगौर पूजती है, वे चैत्र शुक्ल द्वितीय ( सिंजारे ) के दिन किसी नद, नदी, तालाब या सरोवरपर जाकर अपनी पूजी हुई गनगौरोंको पानी पिलाती हैं और दूसरे दिन सायङकालके समय उनका विसर्जन कर देती हैं । यह व्रत विवाहिता लड़कियोंके लिये पतिका अनुराग उत्पन्न करानेवाला और कुमारिकाओंको उत्तम पति देनेवाला हैं । N/A References : N/A Last Updated : January 16, 2009 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP