बालेन्दुव्रत ( विष्णुधर्म ) -
यह चैत्र शुक्ल द्वितीयाको किया जाता है । इस दिन सूर्यास्तके समय शुद्ध जलसे स्त्रान करके चावलोंका बालेन्दुमण्डल बनाये अथवा चन्द्रदर्शनके समय उसीमें बालेन्दु - मण्डलकी कल्पना करके आकाशस्थ चन्द्रमाका गन्ध - पुष्पादिसे पूजन करे । ईख, गुड़, अक्षत, सुपारी और सैन्धव अर्पण करे और, ' बालचन्द्रमसे नमः ' इस मन्त्रसे आहुति देकर भोजन करे । इस प्रकार प्रत्येक शुक्ल द्वितीयाको एक वर्षतक करनेसे सुख और भाग्यकी वृद्धि होती हैं । इसमें तैलपक्क पदार्थ खानेकी मनाही है ।