शनैश्चरस्तवराजः - नारद उवाच ध्यात्वा गणपतिं...
देवी देवतांची स्तुति केल्यास, ते प्रसन्न होऊन इच्छित फल प्राप्त होते.
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शनैश्चरस्तवराजः - नारद उवाच- ध्यात्वा गणपति...
मनुष्य आपल्या पूर्व जन्मींच्या कर्मानुसार हा जन्म भोगत असतो, पण या जन्मीच्या सर्व पीडा नवग्रहांच्या पूजा अर्चा करून जीवन सुखमय बनवू शकतो.
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मत्स्यपुराणम् - अध्यायः १२४
मत्स्य पुराणात सात कल्पांचे वर्णन असून हे पुराण नृसिंह वर्णनापासून सुरू होते.
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