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स्मि cl. 1. Ā. ( [Dhātup. xxii, 51] ) स्मयते ( mc. also °ति; pf. सिस्मिये, or सिष्मिये॑ [ p. सिष्मियाण॑cf. उप-√ स्मि], ep. also -स्मयाम्-आस; aor. अस्मेष्ट, [Bhaṭṭ. 259] ; अस्मयिष्ठास्, [MBh.] ; fut. स्मेता, स्मेष्यतेGr. ; inf. स्मेतुम्, ib.; ind.p. स्मित्वा, [Sāh.] ; -स्मित्य, -स्मयित्य, [MBh.] ), to smile, blush, become red or radiant, shine, [RV.] ; [TS.] ; [Kāṭh.] ; to smile, laugh, [MBh.] ; [Kāv.] &c.; to expand, bloom (as a flower), [Kāv.] ; to be proud or arrogant, [BhP.] : Pass. स्मीयते ( aor. अस्मायि), Gr. : Caus. स्माययति, °ते ( aor. असिस्मयत्; also स्मापयति in वि-√ स्मिq.v. ), to cause to smile or laugh &c.; ( Ā. ) to laugh at, mock, despise, [Dhātup. xxxii, 37] ( v.l. for स्मिट्q.v. ) : Desid. सिस्मयिषतेGr. : Intens. सेष्मीयते ( p. °यमाण, [Nir. viii, 11] ), सेष्मयीति, सेष्मेतिib.स्मि [ cf. Gk. φιλομμειδής for φιλο-σμειδης; μεῖδος, μειδάω; Lat. mirus, mirari; Slav. smijati; Eng. smile.]
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