सुमन्त n. एक आचार्य, जो व्यास की अथर्ववेद शिष्यपरंपरा में से एक शिष्य था । व्यास ने इसे महाभारत का भी कथन किया था
[भवि. ब्राह्म. १.३०-३८] । यह जैमिनि नामक आचार्य का पुत्र, एवं सुत्वन (सुन्वन्) नामक आचार्य का पिता था । इसके शिष्यों में कबंध नामक आचार्य प्रमुख था । युधिष्ठिर की मयसभा में यह उपस्थित था । इसने शतानीक नामक अपने शिष्य को ‘भागवत’ एवं ‘भविष्य पुराण’ कथन किया था । शरशय्या पर पड़े हुए भीष्म से मिलने यह उपस्थित हुआ।
सुमन्त II. n. एक आचार्य, जो व्यास की सामशिष्यपरंपरा में से जैमिनि नामक आचार्य का शिष्य था ।
सुमन्त III. n. अट्टहास नामक शिवावतार का एक शिष्य ।
सुमन्त IV. n. एक स्मृतिकार, जिसके द्वारा रचित स्मृति के गद्य एवं पद्य उद्धरण ‘मिताक्षरा’, ‘विश्र्वरूप’, ‘सरस्वतीविलास’ आदि में प्राप्त है । मिताक्षरा में इसके निम्नविषयों से संबंधित उद्धरण प्राप्त है-- १. ब्रह्महत्त्या
[मिता. ३.२३७] ; २. मद्यपान
[मिता. ३.२५०] ; ३. सुवर्ण का अपहरण
[मिता. ३.२५२] ; ४. परदारागमन
[मिता. ३.२५३-२५४] ; ५. गोहत्त्या
[मिता. ३.२६१] ।
सुमन्त V. n. विदर्भ देशाधिपति भीम राजा का नामान्तर (भीम वैदर्भ देखिये) ।