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वृषपर्वन्

   
Script: Devanagari

वृषपर्वन्     

वृषपर्वन् n.  एक दानवराज, जो कश्यप एवं दनु के पुत्रों में से एक था [म. आ. ५९.२४] । यह दीर्घप्रज्ञ राजा के रूप में पृथ्वी पर अवतीर्ण हुआ था [म. आ. ६१.१६] । उशनस् शुक्राचार्य इसीका ही राजपुरोहित था, जिसने ‘संजीवनी-विद्या’ के कारण इसकी राज्य की एवं असुरों की ताकद का़फ़ी बढायी थी । इंद्रवृत्र युद्ध में इसने इंद्र से युद्ध किया था । देवासुर-युद्ध में इसने अश्र्विनों से युद्ध किया था [भा. ६.६.३१-३२, १०.२०] । इसकी कन्या शर्मिष्ठा ने शुक्रकन्या देवयानी का अपमान किया, जिस कारण शुक्र इसका राज्य छोड़ जाने के लिए सिद्ध हुआ। इसपर अपने राज्य में रहने के लिए इसने शुक्र से प्रार्थना की, एवं तत्प्रीत्यर्थ अपनी कन्या शर्मिष्ठा को देवयानी की आजन्म दासी बनाने की उसकी शर्त भी मान्य की [भा. ९.१८.४] । शर्मिष्ठा ने भी असुरवंश के कल्याण के लिए, देवयानी की दासी बनने के प्रस्ताव को मान्यता दी [म. आ. ७५]
वृषपर्वन् n.  शर्मिष्ठा के अतिरिक्त, इसकी सुंदरी एवं चंद्रा नामक अन्य दो कन्याएँ भी थी ।
वृषपर्वन् II. n.  एक ऋषि, जिसका आश्रम हिमालय प्रदेश में गंधमादन पर्वत के समीप स्थित था । वनवासकाल में तीर्थयात्रा करते समय युधिष्ठिरादि पांडव इसके आश्रम में आये थे । इसने पांडवों को उचित उपदेश कथन किया, एवं आगे बदरी-केदार जाने का मार्ग भी बताया [म. व. १५५.१६-२५] । बदरी-केदार से लौट आते समय भी, पुनः एक बार पांडव इसके आश्रम में आये थे [म. व. १७४.६-८]
वृषपर्वन् III. n.  एक असुर, जो वृत्र का अनुयायी था [भा. ६.१०.१९]
वृषपर्वन् IV. n.  अंगिराकुलोत्पन्न एक गोत्रकार।

वृषपर्वन्     

A Sanskrit English Dictionary | Sanskrit  English
वृष—पर्वन्   a See under 2. वृष.
ROOTS:
वृष पर्वन्
वृष—पर्वन्  mfn. bmfn. (वृ॑ष-) strong-jointed (इन्द्र), ib.
ROOTS:
वृष पर्वन्
वृष—पर्वन्  m. m. the root of Scirpus Kysoor, [L.]
ROOTS:
वृष पर्वन्
the areca-nut tree, [L.]
N. of विष्णु, [MBh.]
of शिव, [L.]
of a दानव (father of शर्मिष्ठा), [MBh.] ; [Hariv.] &c.
of a राजर्षि, [MBh.] ; [MārkP.]
of a monkey, [R.]

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