सेनजित् n. (सो. अज.) एक राजा, जो भागवत के अनुसार विषद राजा का पुत्र, एवं रुचिराश्र्व राजा का पिता था
[भा. ९.२१.२३] । रुचिराश्र्व के अतिरिक्त इसके दृढहनु, काश्य एवं वत्स नामक अन्य तीन पुत्र थे । विष्णु एवं वायु के अनुसार यह विश्र्वजित् राजा का, एवं मत्स्य के अनुसार अश्वजित् राजा का पुत्र था । इसके द्वारा प्रणीत नीतिशास्त्र (राजधर्म) का निर्देश महाभारत में प्राप्त है
[म. शां. २६.१३-२९] ।
सेनजित् II. n. (सू. इ.) एक इक्ष्वाकुवंशीय राजा, जो कृशाश्र्व राजा का पुत्र, एवं युवनाश्र्व राजा का पिता था
[भा. ९. ६.२५] । अन्य पुराणों में इसे प्रसेनजित् कहा गया ।
सेनजित् III. n. (सो. मगध. भविष्य.) एक राजा, जो बृहत्कर्म राजा का पुत्र था । यह अधिसोमकृष्ण पौरव, एवं दिवाकर ऐक्ष्वाक आदि राजाओं का समकालीन था । इसके ही शासनकाल में पुराणों का लेखन हुआ ।
सेनजित् IV. n. एक अप्सरा, जो फाल्गुन माह के सूर्य के साथ भ्रमण करती है
[भा. १२.११.४०] ।
सेनजित् V. n. एक मरुत्, जो मरुतों के दूसरे गण में समाविष्ट था ।