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स्त्री हरण
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वीर स्त्री
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खेडूत स्त्री
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उग्रा स्त्री
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कर्कशा स्त्री
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सौ. वंदना कुलकर्णी - स्त्री म्हणजे काय ? ती एक...
एकविसाव्या शतकात मानवाच्या वाट्याला आलेले एकाकीपण कित्येक कवींनी त्यांच्या एकेका कवितेने भरून काढले.
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असुर स्त्री
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कुरूपा स्त्री
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पाळणा - स्त्री गरवार पति उदरीं । ...
पाळणे - Palane are the marathi lullby songs usually sung at Naming Ceremony called "Barase" (बारसे). These are also sung while putting child to sleep in a swing.
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भावगीते - शंकराचा अवतार - स्त्री
गो.रं.आंबेकरांचा जन्म कर्नाटकातील कुनगोळ गावचा.
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धर्मसिंधु - स्त्री रजस्वला असेल तर
हिंदूंचे ऐहिक, धार्मिक, नैतिक अशा विषयात नियंत्रण करावे आणि त्यांना इह-परलोकी सुखाची प्राप्ती व्हावी ह्याच अत्यंत उदात्त हेतूने प्रेरित होउन श्री. काशीनाथशास्त्री उपाध्याय यांनी ’धर्मसिंधु’ हा ग्रंथ रचला आहे.
This 'Dharmasindhu' grantha was written by Pt. Kashinathashastree Upadhyay, in the year 1790-91.
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संत जनाबाई - स्त्री जन्म ह्मणवुनी न व्...
जनाबाई, दासीपणाची कामे करीत असताना तिच्या मनाने, अभंगांतून आध्यात्मिक प्रगती आणि पारमार्थिक उन्नती केली.
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वेदांत काव्यलहरी - स्त्री
सदर ग्रंथाची किंमत होती - जो जी देईल ती. सदर पुस्तकाबद्दल दैनिक सकाळ २६/०६/१९३८ चे अंकात अभिप्राय छापून आलेला आहे.
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स्त्री
Meanings: 139; in Dictionaries: 13
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स्त्री - अभंग ३०१३ ते ३०२५
श्रीसंतएकनाथ महाराजांची गाथा म्हणजे श्रीराम व श्रीकृष्णाच्या अवताराचे मनोवेधक वर्णन.
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स्त्री - अभंग ३०२६ ते ३०४१
श्रीसंतएकनाथ महाराजांची गाथा म्हणजे श्रीराम व श्रीकृष्णाच्या अवताराचे मनोवेधक वर्णन.
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गौरी स्त्री
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सीधीसादी स्त्री
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स्त्री नेता
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स्त्री-मन्त्र
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नराम्री स्त्री
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गौरवर्णीय स्त्री
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ग्रामीण स्त्री
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स्त्री मजूर
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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स्वतंत्र स्त्री
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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स्त्री पुढारी
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स्त्री जननेन्द्रिय
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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दुष्ट स्त्री
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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मुघल स्त्री
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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सुंदर स्त्री
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 1.601779 | Lang: NA
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स्त्री-मंत्र
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.595653 | Lang: NA
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पौराणिक स्त्री
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
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स्त्रीहरण
Meanings: 7; in Dictionaries: 4
Type: WORD | Rank: 1.511223 | Lang: NA
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स्त्रीधन - भोंडला ( हातगा )
लोकगीतातील स्त्रीधन म्हणजे मराठीतील एक अमूल्य ठेवा आहे, तो आपण पुढील पिढीसाठी जतन करून ठेवला पाहिजे.
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स्त्रीधन - गौरी पूजन
लोकगीतातील स्त्रीधन म्हणजे मराठीतील एक अमूल्य ठेवा आहे , तो आपण पुढील पिढीसाठी जतन करून ठेवला पाहिजे .
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स्त्रीधन - शेजी
लोकगीतातील स्त्रीधन म्हणजे मराठीतील एक अमूल्य ठेवा आहे, तो आपण पुढील पिढीसाठी जतन करून ठेवला पाहिजे.
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स्त्रीधन - राम आणि सीता
लोकगीतातील स्त्रीधन म्हणजे मराठीतील एक अमूल्य ठेवा आहे, तो आपण पुढील पिढीसाठी जतन करून ठेवला पाहिजे.
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स्त्रीधन - विठ्ठल रखुमाई
लोकगीतातील स्त्रीधन म्हणजे मराठीतील एक अमूल्य ठेवा आहे, तो आपण पुढील पिढीसाठी जतन करून ठेवला पाहिजे.
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स्त्रीधन - बाळराजा
लोकगीतातील स्त्रीधन म्हणजे मराठीतील एक अमूल्य ठेवा आहे , तो आपण पुढील पिढीसाठी जतन करून ठेवला पाहिजे .
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स्त्रीधन - उखाणा ( आहाणा )
लोकगीतातील स्त्रीधन म्हणजे मराठीतील एक अमूल्य ठेवा आहे , तो आपण पुढील पिढीसाठी जतन करून ठेवला पाहिजे .
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मैका गई स्त्री
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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पीहर गई स्त्री
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
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सीधी सादी स्त्री
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
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मायके गई स्त्री
Meanings: 1; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.29 | Lang: NA
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न स्त्री स्वातंत्र्यमर्हति
Meanings: 2; in Dictionaries: 1
Type: WORD | Rank: 1.277748 | Lang: NA
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माहेरवाशीण
Meanings: 3; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 1.264457 | Lang: NA
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मनुस्मृतिकाळी सवर्ण व शूद्र - स्त्री - संबंध
प्रस्तुत ग्रंथ १९०१ साली बडोद्याचे महाराज श्रीमंत सयाजीराव गायकवाड यांनी प्रसिद्ध केला होता.
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स्त्री जीवन - बहीणभाऊ
चार भिंतींच्या आत जे जे स्त्रीहृदयाला अनुभव येतात, त्याची यथार्थ कल्पना देणार्या या ओव्या आहेत, यावरून तिच्या समजुती, प्रीतीचे अनुभव, तिची वैयक्तिक सुखदुःखे यांची कल्पना येते.
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स्त्री जीवन
चार भिंतींच्या आत जे जे स्त्रीहृदयाला अनुभव येतात, त्याची यथार्थ कल्पना देणार्या या ओव्या आहेत, यावरून तिच्या समजुती, प्रीतीचे अनुभव, तिची वैयक्तिक सुखदुःखे यांची कल्पना येते.
Type: INDEX | Rank: 1.247118 | Lang: NA
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धर्मसिंधु - गर्भिणी स्त्री धर्म
हिंदूंचे ऐहिक, धार्मिक, नैतिक अशा विषयात नियंत्रण करावे आणि त्यांना इह-परलोकी सुखाची प्राप्ती व्हावी ह्याच अत्यंत उदात्त हेतूने प्रेरित होउन श्री. काशीनाथशास्त्री उपाध्याय यांनी ’धर्मसिंधु’ हा ग्रंथ रचला आहे. This 'Dharmasindhu' grantha was written by Pt. Kashinathashastree Upadhyay, in the year 1790-91.
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