-
सुतीक्ष्ण
भक्तो और महात्माओंके चरित्र मनन करनेसे हृदयमे पवित्र भावोंकी स्फूर्ति होती है ।
Type: PAGE | Rank: 6.112697 | Lang: NA
-
सुतीक्ष्ण
Meanings: 11; in Dictionaries: 4
Type: WORD | Rank: 1.454152 | Lang: NA
-
भाद्रपद कृष्णपक्ष व्रत - कुशग्रहणी
व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है ।
Type: PAGE | Rank: 0.02539261 | Lang: NA
-
दुष्पण्य
Meanings: 2; in Dictionaries: 2
Type: WORD | Rank: 0.02116051 | Lang: NA
-
निर्वाणप्रकरणं - सर्गः २१६
योगवाशिष्ठ महारामायण संस्कृत साहित्यामध्ये अद्वैत वेदान्त विषयावरील एक महत्वपूर्ण ग्रन्थ आहे. ह्याचे रचयिता आहेत - वशिष्ठ
Type: PAGE | Rank: 0.02094784 | Lang: NA
-
९०
Meanings: 3; in Dictionaries: 3
Type: WORD | Rank: 0.01692841 | Lang: NA
-
आर्या सप्तशती - र-कार-व्रज्या
आर्या सप्तशती हा आचार्य गोवर्धनाचार्य यांनी रचलेला पवित्र ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01692841 | Lang: NA
-
संकेत कोश - संख्या ९०
हिंदू धर्मात असे अनेक संकेत आहेत ,जे आपल्या जीवनात मोलाचे कार्य बजावतात .
Type: PAGE | Rank: 0.01692841 | Lang: NA
-
शरभंग
Meanings: 6; in Dictionaries: 4
Type: WORD | Rank: 0.01481236 | Lang: NA
-
भरतकवचम् - ॥ अथ श्रीमदानन्दरामायणांत...
रोज कवच स्तोत्राची पठण केल्याने जीवन सुरक्षित बनते.
Type: PAGE | Rank: 0.01269631 | Lang: NA
-
गुरुस्तुतिमुक्तांजलि २
मोरोपंत हे जरी संत नव्हते, तरी सदाचरणी, सच्छील असे ते एक विद्वान् गृहस्थाश्रमी होते.
Type: PAGE | Rank: 0.01269631 | Lang: NA
-
कुशलवोपाख्यान - अध्याय दहावा
‘आर्या’ वृतातील प्रचंड काव्यरचनेबद्दल प्रसिद्ध असलेले मराठी कवी मोरोपंत हे पुराण मोठे छान सांगत.
Type: PAGE | Rank: 0.01269631 | Lang: NA
-
प्रकीर्ण-काण्डः - सर्ग ४
`भट्टिकाव्यं' हे संस्कृत भाषेतील एक उत्कृष्ट काव्य आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01197019 | Lang: NA
-
तिङन्त काण्ड: - सर्ग २३
`भट्टिकाव्यं' हे संस्कृत भाषेतील एक उत्कृष्ट काव्य आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.01058025 | Lang: NA
-
अध्याय ५५ वा - श्लोक २१ ते २५
श्रीकृष्णदयार्णवकृत हरिवरदा
Type: PAGE | Rank: 0.008464204 | Lang: NA
-
मुमुक्षुवैराग्यप्रकरणम् - सर्ग पहिला
‘ योगवासिष्ठ ’ एक प्राचीन ग्रंथ. Yoga Vasistha is famous as one of the historically popular and influential texts of Hinduism.
Type: PAGE | Rank: 0.008464204 | Lang: NA
-
अध्याय तेरावा - श्लोक १०१ ते १५०
श्रीधरस्वामी रचित ’ श्रीरामविजय ’ ग्रंथाचे पारायण केल्याने जीवनातील वनवास संपून सुख प्राप्त होते.
Type: PAGE | Rank: 0.008464204 | Lang: NA
-
भविष्यपर्व - चतुष्पञ्चाशत्तमोऽध्यायः
महर्षी व्यासांनी रचलेला हा महाभारताचा पुरवणी ग्रंथ आहे.
Type: PAGE | Rank: 0.008464204 | Lang: NA
-
अध्याय पस्तीसावा - श्लोक १ ते ५०
श्रीधरस्वामी रचित ’ श्रीरामविजय ’ ग्रंथाचे पारायण केल्याने जीवनातील वनवास संपून सुख प्राप्त होते .
Type: PAGE | Rank: 0.008464204 | Lang: NA
-
वैराग्यप्रकरणम् - सर्गः १
योगवासिष्ठः
Type: PAGE | Rank: 0.008464204 | Lang: NA
-
श्रीवामनपुराण - अध्याय १२
श्रीवामनपुराणकी कथायें नारदजीने व्यासको, व्यासने अपने शिष्य लोमहर्षण सूतको और सूतजीने नैमिषारण्यमें शौनक आदि मुनियोंको सुनायी थी ।
Type: PAGE | Rank: 0.007406179 | Lang: NA
-
संक्षिप्त विवरण - तन्त्र प्रवर्तक ऋषि
कुण्डलिणी की सात्त्विक और धार्मिक उपासनाविधि रूद्रयामलतन्त्र नामक ग्रंथमे वर्णित है , जो साधक को दिव्य ज्ञान प्रदान करती है ।
Type: PAGE | Rank: 0.006348153 | Lang: NA
-
अगस्त्य
भक्तो और महात्माओंके चरित्र मनन करनेसे हृदयमे पवित्र भावोंकी स्फूर्ति होती है ।
Type: PAGE | Rank: 0.005290127 | Lang: NA
-
पांडवप्रताप - अध्याय ५६ वा
पांडवप्रताप ग्रंथवाचन म्हणजे चंचल मनाला भक्तियोगाकडे वळविण्याचा प्रवास.
Type: PAGE | Rank: 0.004232102 | Lang: NA
-
दामोदर गणेश जोशी ऊर्फ कृष्णदास
महाराष्ट्र कविचरित्र - लेखक जगन्नाथ रघुनाथ आजगांवकर.
Type: PAGE | Rank: 0.004232102 | Lang: NA
-
राम
Meanings: 222; in Dictionaries: 12
Type: WORD | Rank: 0.001851545 | Lang: NA