हिंदी सूची|व्रत|मासिक व्रत परिचय|भाद्रपदके व्रत|भाद्रपद शुक्लपक्ष व्रत| दशावतारव्रत भाद्रपद शुक्लपक्ष व्रत महत्तमाख्यशिवव्रत मौनव्रत हरितालिका सिद्धिविनायकव्रत शिवाचतुर्थी ॠषिपञ्चमी शिवाचतुर्थी ॠषिपञ्चमी सूर्यषष्ठी चम्पाषष्ठी फलसप्तमी श्रीराधाष्टमी दूर्वाष्टमी महालक्ष्मीव्रत नन्दानवमी दशावतारव्रत शुक्लैकादशी कटिपरिवर्तनोत्सव अनन्तव्रत पालीव्रत कदलीव्रत भाद्रपद शुक्लपक्ष व्रत - दशावतारव्रत व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है । Tags : bhadrapadfestivalvratभाद्रपदमहिनाव्रतसण दशावतारव्रत Translation - भाषांतर दशावतारव्रत ( भविष्योत्तर ) - यह व्रत भाद्रपद शुक्ल दशमीको किया जाता है । एतत्रिमित्त किसी जलाशयपर जाकर स्त्रान करके देव और पितरोंका तर्पण करे और अपने हाथसे आटेकी दो परो ( लगभग पाँच छटाक आटा ) लेकर उसके अपूप ( पूआ ) बनावे और ' मत्स्य, कूर्म, वाराह, नरसिंह, त्रिविक्रम, राम, कृष्ण, परशुराम, बौद्ध और कल्कि ' इन दस अवतारोंका यथाविधि पूजन करे और अपूपादिका भोग लगाकर उनमेंसे दस देवताके, दस ब्राह्मणके और दस अपने रखकर भोजन करे । इस प्रकार दस वर्षतक करे । १ - अपूप, २ - घेवर, ३ - कासार, ४ - मोदक, ५ - सुहाल, ६ - सकरपारे, ७ - डोवठे, ८ - गुणा, ९ - कोकर और १० - पुष्पकर्ण - इन दस पदार्थोंमेंसे प्रतिवर्ष एक - एक पदार्थ देवता आदिको दस - दसकी संख्यामें अर्पण करे तो विष्णुलोककी प्राप्ति होती है । N/A References : N/A Last Updated : January 21, 2009 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP