हिंदी सूची|व्रत|मासिक व्रत परिचय|भाद्रपदके व्रत|भाद्रपद शुक्लपक्ष व्रत| श्रीराधाष्टमी भाद्रपद शुक्लपक्ष व्रत महत्तमाख्यशिवव्रत मौनव्रत हरितालिका सिद्धिविनायकव्रत शिवाचतुर्थी ॠषिपञ्चमी शिवाचतुर्थी ॠषिपञ्चमी सूर्यषष्ठी चम्पाषष्ठी फलसप्तमी श्रीराधाष्टमी दूर्वाष्टमी महालक्ष्मीव्रत नन्दानवमी दशावतारव्रत शुक्लैकादशी कटिपरिवर्तनोत्सव अनन्तव्रत पालीव्रत कदलीव्रत भाद्रपद शुक्लपक्ष व्रत - श्रीराधाष्टमी व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है । Tags : bhadrapadfestivalvratभाद्रपदमहिनाव्रतसण श्रीराधाष्टमी Translation - भाषांतर श्रीराधाष्टमी ( बृहन्नारदीय पुराण पू० अध्याय ११७ ) भाद्रपद शुक्ला अष्टमीको जगज्जननी पराम्बा भगवती श्रीराधाका जन्म हुआ था, अतएव इस दिन राधा - व्रत करना चाहिये । स्त्रानादिके उपरान्त मण्डपके करे । उसके ऊपर ताँबेका पात्र रखे । उस पात्रके ऊपर दो वस्त्रोंसे ढकी हुई श्रीराधाकी सुवर्णमयी सुन्दर प्रतिमा स्थापित करे । फिर वाद्यसंयुक्त षोडशोपचारद्वारा स्नेहपूर्ण हदयसे उसकी पूजा करे । पूजा ठीक मध्याह्नमें ही फिर दूसरे दिन भक्तिपूर्वक सुवासिनी स्त्रियोंको भोजन कराकर आचार्यको प्रतिमा दान करे । तत्पश्चात् स्वयं भी भोजन करे । इस प्रकार इस व्रतको सपाप्त करना चाहिये । विधिपूर्वक राधाष्टमीव्रतके करनेसे मनुष्य व्रजका रहस्य जान लेता तथा राधा - परिकरोंमें निवास करता है । N/A References : N/A Last Updated : January 21, 2009 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP