हिंदी सूची|व्रत|मासिक व्रत परिचय|भाद्रपदके व्रत|भाद्रपद शुक्लपक्ष व्रत| महालक्ष्मीव्रत भाद्रपद शुक्लपक्ष व्रत महत्तमाख्यशिवव्रत मौनव्रत हरितालिका सिद्धिविनायकव्रत शिवाचतुर्थी ॠषिपञ्चमी शिवाचतुर्थी ॠषिपञ्चमी सूर्यषष्ठी चम्पाषष्ठी फलसप्तमी श्रीराधाष्टमी दूर्वाष्टमी महालक्ष्मीव्रत नन्दानवमी दशावतारव्रत शुक्लैकादशी कटिपरिवर्तनोत्सव अनन्तव्रत पालीव्रत कदलीव्रत भाद्रपद शुक्लपक्ष व्रत - महालक्ष्मीव्रत व्रतसे ज्ञानशक्ति, विचारशक्ति, बुद्धि, श्रद्धा, मेधा, भक्ति तथा पवित्रताकी वृद्धि होती है । Tags : bhadrapadfestivalvratभाद्रपदमहिनाव्रतसण महालक्ष्मीव्रत Translation - भाषांतर महालक्ष्मीव्रत ( मदनरत्न, स्कन्दपुराण ) - भाद्रपद शुक्ल अष्टमीसे आरम्भ करके आश्विन कृष्ण अष्टमीपर्यन्त प्रतिदिन १६ अञ्जलि कुल्ले करके प्रातःस्त्रानादि नित्यकर्मकर चन्दनादिनिर्मित्त लक्ष्मीकी प्रतिमाका स्थापन करे । उसके समीप सोलह सूत्रके डोरेमें १६ गाँठ लगाकर उनका ' लक्ष्म्यै नमः' से प्रत्येक गाँठका पूजन करके लक्ष्मीकी प्रतिमाका पूजन करे । ( लक्ष्मीपूजनकी विशेष विधि ' सारसंग्रह ' में देखनी चाहिये ) पूजनके पश्चात् ' धनं धान्यं धरां हर्म्यं कीर्तिमायुर्यशः श्रियम् । तुरगान् दन्तिनः पुत्रान् महालक्ष्मि प्रयच्छ मे ॥' से उक्त डोरेको दाहिने हाथमें बाँधे और हरी दूर्वाके १६ पल्लव और १६ अक्षत लेकर कथा सुने । इस प्रकार करके आश्विन कृष्ण अष्टमीको विसर्जन करे । N/A References : N/A Last Updated : January 21, 2009 Comments | अभिप्राय Comments written here will be public after appropriate moderation. Like us on Facebook to send us a private message. TOP