हिंदी सूची|हिंदी साहित्य|भजन|मंजुकेशीजी|
भावुक , भावमय भगवान । ता...

भजन - भावुक , भावमय भगवान । ता...

हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्‌को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।


भावुक, भावमय भगवान ।

तात बिनु भव चोप टूटे नाहिं तव कल्यान ॥

चारु चित्तमें चोप चिखुरत चपल चरु चुचुहान ।

बिरह चिनगी चमकि चटकै करहु अनुसंधान ॥

आत्महित साधन सकल इमि कहत बेद-पुरान ।

नाम नेह तुरीय तावै धरति 'केशी' ध्यान ॥

N/A

References : N/A
Last Updated : December 23, 2007

Comments | अभिप्राय

Comments written here will be public after appropriate moderation.
Like us on Facebook to send us a private message.
TOP