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छिन -सुख लागि मानुष मरै ...

भजन - छिन -सुख लागि मानुष मरै ...

हरिभक्त कवियोंकी भक्तिपूर्ण रचनाओंसे जगत्‌को सुख-शांती एवं आनंदकी प्राप्ति होती है।


छिन-सुख लागि मानुष मरै ॥

बिषय-रसमें मिल्यो माहुर तिहि उतारत गरै ।

नाभिचक्र उलटि परै अरु तखन फुस-फुस जरै ॥

हरिकृपा बिनु कहहु कैसे कवन यह दुख हरै ।

कैसे 'केशी' अमल सुख-पथ जीव जंगम चरै ॥

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Last Updated : December 23, 2007

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