॥ सरस्वती अष्टोत्तरनामावलीः ॥
ॐ सरस्वत्यै नमः ॥
ॐ महाभद्रायै नमः ॥
ॐ महामायायै नमः ॥
ॐ वरप्रदायै नमः ॥
ॐ श्रीप्रदायै नमः ॥
ॐ पद्मनिलयायै नमः ॥
ॐ पद्माक्ष्यै नमः ॥
ॐ पद्मवक्त्रकायै नमः ॥
ॐ शिवानुजायै नमः ॥
ॐ पुस्तकभृते नमः ॥
ॐ ज्ञानमुद्रायै नमः ॥
ॐ रमायै नमः ॥
ॐ परायै नमः ॥
ॐ कामरूपायै नमः ॥
ॐ महाविद्यायै नमः ॥
ॐ महापातक नाशिन्यै नमः ॥
ॐ महाश्रयायै नमः ॥
ॐ मालिन्यै नमः ॥
ॐ महाभोगायै नमः ॥
ॐ महाभुजायै नमः ॥
ॐ महाभागायै नमः ॥
ॐ महोत्साहायै नमः ॥
ॐ दिव्याङ्गायै नमः ॥
ॐ सुरवन्दितायै नमः ॥
ॐ महाकाल्यै नमः ॥
ॐ महापाशायै नमः ॥
ॐ महाकारायै नमः ॥
ॐ महांकुशायै नमः ॥
ॐ पीतायै नमः ॥
ॐ विमलायै नमः ॥
ॐ विश्वायै नमः ॥
ॐ विद्युन्मालायै नमः ॥
ॐ वैष्णव्यै नमः ॥
ॐ चन्द्रिकायै नमः ॥
ॐ चन्द्रवदनायै नमः ॥
ॐ चन्द्रलेखाविभूषितायै नमः ॥
ॐ सावित्यै नमः ॥
ॐ सुरसायै नमः ॥
ॐ देव्यै नमः ॥
ॐ दिव्यालंकारभूषितायै नमः ॥
ॐ वाग्देव्यै नमः ॥
ॐ वसुदायै नमः ॥
ॐ तीव्रायै नमः ॥
ॐ महाभद्रायै नमः ॥
ॐ महाबलायै नमः ॥
ॐ भोगदायै नमः ॥
ॐ भारत्यै नमः ॥
ॐ भामायै नमः ॥
ॐ गोविन्दायै नमः ॥
ॐ गोमत्यै नमः ॥
ॐ शिवायै नमः ॥
ॐ जटिलायै नमः ॥
ॐ विन्ध्यावासायै नमः ॥
ॐ विन्ध्याचलविराजितायै नमः ॥
ॐ चण्डिकायै नमः ॥
ॐ वैष्णव्यै नमः ॥
ॐ ब्राह्मयै नमः ॥
ॐ ब्रह्मज्ञानैकसाधनायै नमः ॥
ॐ सौदामन्यै नमः ॥
ॐ सुधामूर्त्यै नमः ॥
ॐ सुभद्रायै नमः ॥
ॐ सुरपूजितायै नमः ॥
ॐ सुवासिन्यै नमः ॥
ॐ सुनासायै नमः ॥
ॐ विनिद्रायै नमः ॥
ॐ पद्मलोचनायै नमः ॥
ॐ विद्यारूपायै नमः ॥
ॐ विशालाक्ष्यै नमः ॥
ॐ ब्रह्मजायायै नमः ॥
ॐ महाफलायै नमः ॥
ॐ त्रयीमूर्तये नमः ॥
ॐ त्रिकालज्ञायै नमः ॥
ॐ त्रिगुणायै नमः ॥
ॐ शास्त्ररूपिण्यै नमः ॥
ॐ शंभासुरप्रमथिन्यै नमः ॥
ॐ शुभदायै नमः ॥
ॐ स्वरात्मिकायै नमः ॥
ॐ रक्तबीजनिहन्त्र्यै नमः ॥
ॐ चामुण्डायै नमः ॥
ॐ अम्बिकायै नमः ॥
ॐ मुण्डकायप्रहरणायै नमः ॥
ॐ धूम्रलोचनमदनायै नमः ॥
ॐ सर्वदेवस्तुतायै नमः ॥
ॐ सौम्यायै नमः ॥
ॐ सुरासुर नमस्कृतायै नमः ॥
ॐ कालरात्र्यै नमः ॥
ॐ कलाधरायै नमः ॥
ॐ रूपसौभाग्यदायिन्यै नमः ॥
ॐ वाग्देव्यै नमः ॥
ॐ वरारोहायै नमः ॥
ॐ वाराह्यै नमः ॥
ॐ वारिजासनायै नमः ॥
ॐ चित्रांबरायै नमः ॥
ॐ चित्रगन्धायै नमः ॥
ॐ चित्रमाल्यविभूषितायै नमः ॥
ॐ कान्तायै नमः ॥
ॐ कामप्रदायै नमः ॥
ॐ वन्द्यायै नमः ॥
ॐ विद्याधरसुपूजितायै नमः ॥
ॐ श्वेताननायै नमः ॥
ॐ नीलभुजायै नमः ॥
ॐ चतुर्वर्गफलप्रदायै नमः ॥
ॐ चतुरानन साम्राज्यायै नमः ॥
ॐ रक्तमध्यायै नमः ॥
ॐ निरंजनायै नमः ॥
ॐ हंसासनायै नमः ॥
ॐ नीलजङ्घायै नमः ॥
ॐ ब्रह्मविष्णुशिवात्मिकायै नमः ॥
॥॥ इति श्री सरस्वति अष्टोत्तरशत नामावलिः ॥॥