वेदशिरस् n. एक शिवावतार, जो वाराहकल्पान्तर्गत वैवस्वत मन्वन्तर में से पंद्रहवें युगचक्र में उत्पन्न हुआ था । सरस्वती नदी के उत्तरीतट पर हिमालय पर्वत के अंतर्भाग में स्थित वेदशीर्ष नामक स्थान में यह अवतीर्ण हुआ। इसका प्रमुख अस्त्र महावीर्य था, एवं इसके शिष्यों में निम्नलिखित चार शिष्य प्रमुख थेः-- १. कुणि; २. कुणिबाहु; ३. कुशरीर; ४. कुनेत्रक
[शिव. शत. ५] ;
[वायु. २३.१६६-१६८] ।
वेदशिरस् II. n. एक भृगुवंशीय ऋषि, जो मार्कंडेय ऋषि का पुत्र था । इसकी माता का नाम मूर्धन्या (धूम्रा) था । इसकी पत्नी का नाम पीवरी था, जिससे इसे ‘मार्कंडेय’ सामूहिक नाम धारण करनेवाले अनेकानेक पुत्र उत्पन्न हुए
[ब्रह्मांड. २.११.७] ;
[वायु. २८.६] । एक बार इसके तप में बाधा डालने के लिए शुचि नामक एक अप्सरा इसके पास आयी, जिससे इसे एक कन्या उत्पन्न हुई। इस कन्या का हरण यमधर्म ने करना चाहा, जिस कारण इसने उसे नदी बनने का शाप दिया। काशी में स्थित ‘धर्म’ नदी वही है
[स्कंद. ४.२.५९] ।
वेदशिरस् III. n. (स्वा.) एक राजा, जो प्राण राजा का पुत्र था
[भा. ४.१.४५] ।
वेदशिरस् IV. n. स्वारोचिष मन्वन्तर के विभु नामक इंद्र का पिता।
वेदशिरस् V. n. रैवत मन्वन्तर के सप्तर्षियों में से एक ।
वेदशिरस् VI. n. एक ऋषि, जो कृशाश्र्च ऋषि एवं धिषणा का पुत्र था । इसे पाताल में स्थित नागों से ‘विष्णु पुराण’ का ज्ञान प्राप्त हुआ था, जो इसने आगे चल कर प्रमति नामक अपने शिष्य को प्रदान किया
[विष्णु. ६.८.४७] ।