वृक n. एक राजा, जो द्रौपदी स्वयंवर में उपस्थित था
[म. आ. १७७.९] । भारतीय युद्ध में यह कौरवों के पक्ष में शामिल था । नकुल के पराजय के पश्र्चात्, ग्यारह पाण्डव वीरों के साथ हुए युद्ध में यह शामिल था
[म. क. ६२.४८] । अन्त में किसी पर्वतीय नरेश के द्वारा यह मारा गया।
वृक II. n. पाण्डवों के पक्ष का एक राजा। भारतीय युद्ध में यह अपने अश्र्व एवं सारथि के साथ द्रोण के द्वारा मारा गया
[म. द्रो. २०.१६] ।
वृक III. n. एक सदाचारी राजा, जिसने अपने जीवन में मांस भक्षण वर्ज्य किया था
[म. अनु. ११५.७२] ।
वृक IV. n. एक राजा, जो पृथु वैन्य एवं अर्चिष्मती के पुत्रों में से एक था । अपने पिता की मृत्यु के पश्र्चात्, यह उसके पश्र्चिम् साम्राज्य का अधिपति बन गया
[भा. ४.२२.५४] ।
वृक IX. n. एक यादव राजकुमार, जो वत्सक यादव एवं मिश्रकेशी नामक अप्सरा के पुत्रों में से एक था
[भा. ९.२४.४३] ।
वृक V. n. एक असुर, जो हिरण्यकशिपु का अनुयायी था
[भा. ७.२.१८] । यह शकुनि नामक राक्षस का पुत्र था । इसकी जीवनकथा भस्मासुर के जीवन से काफ़ी साम्य रखती है । इसे शिव से आशीर्वाद प्राप्त हुआ था कि, जिसके मस्तक पर यह हाथ रखेगा वह जल कर भस्म हो जायेगा। फिर यह उन्मत्त हो कर स्वयं शिव को ही दग्ध करने के लिए प्रवृत्त हुआ। पश्र्चात् विष्णु ने ब्रह्मचारिन् का रूप धारण कर, इसे स्वयं के ही मस्तक पर हाथ रखने के लिए प्रवृत्त किया, जिस कारण यह भस्म हुआ
[भा. १०.८८.१३-१६] ।
वृक VI. n. (सू. इ.) एक राजा, जो भरुक राजा का पुत्र, एवं बाहुक राजा का पिता था
[भा. ९.८.२] ।
वृक VII. n. एक राजा, जो शूर एवं मारिषा के पुत्रों में से एक था । इसकी पत्नी का नाम दुर्वाक्षी था, जिससे इसे तक्ष एवं पुष्कर नामक पुत्र उत्पन्न हुए थे
[भा. ९.२४.२९] ;४३ ।
वृक VIII. n. एक यादव-राजकुमार, जो कृष्ण एवं मित्रविंदा के पुत्रों में से एक था
[भा. १०.६१.१६] ।
वृक X. n. ०. (स्वा. उत्तान.) एक राजा, जो शिष्ट एवं सुच्छाया के पुत्रों में से एक था
[मत्स्य. ४.३९] ।
वृक XI. n. १. (सू. इ.) एक राजा, जो रोहित राजा का पुत्र था
[मत्स्य. १२.३८] ।
वृक XII. n. २. पुष्टि (सृष्टि) एवं छाया के पुत्रों में से एक
[वायु. ६२.८३] । पाठ-‘वृकल’।
वृक XIII. n. ३. एक यादव-राजकुमार, जो कृष्ण एवं सत्या (माद्री) के पुत्रों में से एक था
[भा. १०.९०.३३] ।
वृक XIV. n. ४. हरित राजा का नामान्तर।